यूएस डबल मर्डर केस: अमेरिका में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने आठ साल बाद फिर से सभी को चौंका दिया है. 2017 में न्यू जर्सी में आंध्र प्रदेश निवासी शशिकला नर्रा और उनके छह साल के बेटे अनीश की रहस्यमयी हत्या का मामला लंबे समय तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिल रहा था. लेकिन अब एक डीएनए मैच ने तस्वीर साफ कर दी है. ये मैच एक लैपटॉप से मिला है, जिससे पूरी जांच नई दिशा में आगे बढ़ गई है.
डीएनए लीड से खुला पुराना मामला
अमेरिकी अधिकारियों ने इस मामले में नजीर हमीद नाम के एक भारतीय नागरिक पर आरोप तय किए हैं. नज़ीर उस समय कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी में काम करते थे और शशिकला के पति के साथ काम करते थे। वह न्यू जर्सी के मेपल शेड इलाके में और उसी स्थान पर रहता था जहां नर्रा परिवार रहता था। जांच में पता चला कि हत्या के तुरंत बाद नजीर हमीद भारत चला गया और तब से यहीं रह रहा है। उस समय वह वीजा पर अमेरिका में काम कर रहा था। मामला तब आगे बढ़ा जब अमेरिकी कोर्ट ने कॉग्निजेंट को अपनी कंपनी के लैपटॉप का ऑर्डर देने का आदेश दिया। फोरेंसिक टीम ने इस लैपटॉप से डीएनए सैंपल निकाला और उसे अपराध स्थल पर मिले अज्ञात खून के साथ मिलाया। दोनों मैच पूरे हो गए. ये सबूत इतने पुख्ता थे कि अब हमीद पर हत्या और अन्य आरोप लगाए जा सकते हैं और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
यूएस डबल मर्डर केस: 2017 की उस रात क्या हुआ था?
23 मार्च 2017 की शाम जब शशिकला के पति हनु नर्रा घर लौटे तो घर का नजारा डरावना था. शशिकला और उनके छोटे बेटे अनीश को उनके अपार्टमेंट में चाकू मारने के बाद मृत पाया गया था। उन दोनों पर कई बार हमले हुए थे और उनके शरीर पर लड़ाई के निशान थे, जिसका मतलब था कि उन्होंने हमलावर से मुकाबला करने की कोशिश की थी. जांच के दौरान पुलिस को खून का धब्बा मिला जो परिवार के किसी सदस्य का नहीं था. इस सबूत के साथ, पुलिस ने शुरू में हनु नर्रा को संदेह से बाहर कर दिया। आगे की जांच करने पर पता चला कि नजीर हमीद पर पहले हनु का पीछा करने का आरोप लगाया गया था। हत्या के छह महीने बाद, वह भारत लौट आए लेकिन कॉग्निजेंट के लिए दूर से काम करना जारी रखा।
जब भारतीय एजेंसियों ने उससे अपना डीएनए मांगा तो उसने इनकार कर दिया. इसके बाद 2024 में कोर्ट से आदेश लेकर उनका लैपटॉप जब्त कर लिया गया. इस लैपटॉप से मिला डीएनए इस केस में सबसे बड़ा सबूत बना. जांचकर्ताओं का कहना है कि नज़ीर तकनीक में माहिर था और उसने अपने डिजिटल निशान मिटाने की कोशिश की लेकिन डीएनए के सामने उसकी योजना टिक नहीं सकी.
प्रत्यर्पण शुरू
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हत्या की असली वजह अभी भी स्पष्ट नहीं है. लेकिन जांच में इस बात की प्रबल आशंका है कि इसमें कोई निजी दुश्मनी या गुस्सा शामिल हो सकता है. अब अमेरिकी अधिकारी न्याय विभाग के साथ मिलकर नजीर हमीद को भारत से अमेरिका लाने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं. डीएनए मैच से इस मामले में नई जान आ गई है और पीड़ित परिवार को आठ साल बाद न्याय की उम्मीद जगी है.
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