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Monday, November 10, 2025
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पाकिस्तानी नौसेना बांग्लादेश पहुंची: 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी नौसेना बांग्लादेश पहुंची, बंगाल की खाड़ी में नई हलचल, क्या भारत की सुरक्षा को खतरा है?


पाकिस्तानी नौसेना बांग्लादेश पहुंची: 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे। लेकिन अब 54 साल बाद पहली बार पाकिस्तानी नौसेना का युद्धपोत PNS SAIF बांग्लादेश के चट्टोग्राम बंदरगाह पर पहुंचा है. यह दौरा चार दिनों का है. यह यात्रा पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीन अशरफ की ढाका यात्रा के साथ मेल खाती है। भारत भी इस कदम को गंभीरता से देख रहा है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी भारत की नौसैनिक रणनीति के लिए अहम मानी जाती है.

बांग्लादेश पहुंची पाकिस्तानी नौसेना: रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बातचीत

ढाका में पाकिस्तान नौसेना प्रमुख एडमिरल नवीन अशरफ ने बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वॉकर-उज़-ज़मान और नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन से मुलाकात की। पाकिस्तानी नौसेना के हवाले से कहा गया कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच “लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को मजबूत करने और समुद्री सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता” को दर्शाती है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय की मीडिया शाखा आईएसपीआर ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों देशों ने रक्षा सहयोग और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर चर्चा की. बातचीत के दौरान प्रशिक्षण, सेमिनार और आपसी दौरों को बढ़ाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई.

हाई-प्रोफाइल सैन्य संपर्क जारी रखा

यह पहली मुलाकात नहीं थी. इससे पहले पाकिस्तान के सीजेसीएससी (ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी) के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने भी ढाका का दौरा किया था. उन्होंने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात की थी. इसके अलावा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी भी बांग्लादेश गए थे. इनमें आईएसआई के विश्लेषण महानिदेशक मेजर जनरल शाहिद आमिर अफसर भी शामिल थे। इससे पहले बांग्लादेश के सैन्य अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान का दौरा किया था. यानी सैन्य व्यस्तता एक दिशा से नहीं बल्कि दोनों तरफ से बढ़ रही है.

सरकार बदलने के बाद रिश्ते बदल गए

बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों में ये बदलाव अचानक नहीं आया. इसकी शुरुआत अगस्त 2024 के बाद हुई, जब ढाका में छात्रों के नेतृत्व में “जुलाई विद्रोह” ने पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया और अंतरिम सरकार का नेतृत्व मोहम्मद यूनुस ने किया। सरकार बदलते ही ढाका और इस्लामाबाद के रिश्ते तेजी से सुधरने लगे.

क्या पाकिस्तान बंगाल की खाड़ी में फिर से अपना पैर जमा रहा है?

विशेषज्ञ पीएनएस सैफ के बांग्लादेश आगमन और पाकिस्तान नौसेना प्रमुख के दौरे को महज कूटनीतिक कदम नहीं मान रहे हैं. रणनीतिक हलकों में इसे पाकिस्तान की ‘रीएंट्री’ के तौर पर देखा जा रहा है. बंगाल की खाड़ी भारत के पूर्वी तटीय क्षेत्र और नौसैनिक रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में पाकिस्तान की मौजूदगी भारत की सुरक्षा गणना पर असर डाल सकती है. विश्लेषकों के मुताबिक, पाकिस्तान समुद्री मोर्चे पर फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है और यह भारत के पूर्वी समुद्री क्षेत्र में नए रणनीतिक दबाव की शुरुआत हो सकती है।

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