ट्रंप दोबारा चाहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति: डोनाल्ड ट्रंप का बयान एक बार फिर सुर्खियों में है. दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में प्रेस से बात करते हुए उन्होंने खुले तौर पर कहा कि यह “बहुत बुरा” है कि अमेरिकी संविधान उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देता है। संवैधानिक सच्चाई को स्वीकार करने के बावजूद ट्रंप ने इच्छा जताई कि अगर मौका मिलता तो वह अमेरिका की सेवा करते रहना पसंद करते.
ट्रंप दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति चाहते हैं: ‘एयर फ़ोर्स वन’ में ट्रंप के विचार
जापान से दक्षिण कोरिया के लिए उड़ान भरते समय ट्रंप ने विमान में पत्रकारों से कहा कि अगर आप इसे पढ़ेंगे तो यह बहुत स्पष्ट है. मुझे तीसरी बार चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं है. यह तो बड़ी बुरी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि वह निश्चित तौर पर दोबारा चुनाव लड़ना चाहेंगे, हालांकि रिपब्लिकन पार्टी के पास सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जैसे मजबूत विकल्प मौजूद हैं. संदेश साफ था कि ट्रंप खेल में बने रहना चाहते हैं, भले ही नियम फिलहाल उनके पक्ष में न हों.
ट्रंप के साथी स्पीकर जॉनसन का रियलिटी चेक
ट्रंप के करीबी माने जाने वाले रिपब्लिकन पार्टी के प्रभावशाली नेता और प्रतिनिधि सभा के स्पीकर माइक जॉनसन ने खुद इस संभावना को लगभग खारिज कर दिया है. संसद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे इसकी कोई संभावना नहीं दिखती. इससे निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है.
जॉनसन ने कहा कि उन्होंने और ट्रंप ने इस मुद्दे पर भी चर्चा की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद का तीसरा कार्यकाल संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के 22वें संशोधन के खिलाफ है। इसे बदलना एक अत्यंत कठिन कार्य होगा, जिसके लिए राज्यों और कांग्रेस दोनों के समर्थन की आवश्यकता होगी, और यह प्रक्रिया दशकों तक चल सकती है।
केवल दो पद ही क्यों?
संविधान में स्पष्ट लिखा है कि अमेरिका में राष्ट्रपति केवल दो कार्यकाल तक ही पद पर रह सकता है। यह प्रावधान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लागू किया गया था ताकि कोई भी नेता अनिश्चित काल तक सत्ता में न रह सके। ऐसे में चाहे कितना भी राजनीतिक समर्थन हो, तीसरे कार्यकाल का रास्ता आसानी से नहीं खुल सकता.
ट्रंप के इस बयान को न सिर्फ निजी इच्छा बल्कि राजनीतिक संकेत भी माना जा रहा है. वह अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनका राजनीतिक प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है. साथ ही वह यह भी जता रहे हैं कि वह चाहें तो दोबारा मैदान में उतर सकते हैं, संवैधानिक नियम ही उनके पैरों की बेड़ियां हैं.
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