21.8 C
Aligarh
Saturday, November 1, 2025
21.8 C
Aligarh

टैरिफ के बाद नहीं फीकी पड़ी बाजारों की चमक, 40 फीसदी नए निर्यातक बाजार में लौटे

कानपुर, अमृत विचार। अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद सुस्त पड़ा निर्यात बाजार पटरी पर लौट रहा है. वैश्विक बाजार बाधित होने से परेशान शहर के नए निर्यातकों को भी ऑर्डर मिलने लगे हैं। निर्यात विशेषज्ञों का मानना ​​है कि टैरिफ के बाद अमेरिकी व्यापार में गिरावट के बाद शहर के निर्यातकों ने अब नए विदेशी बाजारों पर पकड़ बनानी शुरू कर दी है।

पिछले वित्तीय वर्ष में शहर के निर्यात बाजार में 129 नए निर्यातक उतरे थे। इन निर्यातकों द्वारा छोटे उत्पादों जैसे कृषि उत्पाद, सजावटी सामग्री, डिजाइनर फैंसी चमड़े के उत्पाद और मिट्टी के उत्पादों जैसे प्रमुख उत्पादों का व्यवसाय शुरू किया गया था। निर्यात के दौरान इन निर्यातकों का करीब 60 फीसदी बाजार अमेरिका जैसा बड़ा बाजार था. इसके बावजूद टैरिफ लागू होने के बाद कम बजट में निर्यात करने वाले ये निर्यातक परेशानी की स्थिति में थे. टैरिफ के बाद इन निर्यातकों ने नए बाज़ार की तलाश शुरू कर दी. अब निर्यातकों को थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, वियतनाम और रूस जैसे देशों से छोटे ऑर्डर मिलने लगे हैं। फिलहाल इनमें से 40 फीसदी निर्यातक ऐसे हैं जिनके नमूने विदेशी खरीदारों ने मांगे हैं.

माना जा रहा है कि साल के शुरुआती महीनों में इन सभी का एक्सपोर्ट कारोबार शुरू हो जाएगा। शहर के निर्यात बाजार में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि शहर के निर्यातकों ने नए बाजार में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी है। जहां तक ​​नए निर्यातकों की बात है तो ये निर्यातक टैरिफ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। अब इन निर्यातकों ने अपना प्लेटफॉर्म भी बनाना शुरू कर दिया है. यह शहर के निर्यात कारोबार के लिए बहुत अच्छा संकेत है. जल्द ही छोटी पूंजी से कारोबार करने वाले इन निर्यातकों को विदेशी खरीदारों से एफटीए का लाभ भी मिलना शुरू हो सकता है।

100 फीसदी कारोबार प्रभावित

अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत शहर के छोटे निर्यातकों को उठानी पड़ी. इन निर्यातकों का सौ फीसदी कारोबार ठप हो गया था। ऐसे में इन निर्यातकों के लिए नए बाजार ढूंढना काफी मुश्किल साबित हो रहा था। इसका कारण उत्पादों की कम लागत और प्रतिस्पर्धा के कारण इन निर्यातकों द्वारा दी जाने वाली कम पूंजी थी। अब इन निर्यातकों को दूसरे बाजारों से उम्मीद जगी है।

गैर पारंपरिक उत्पाद

शहर के इन नए निर्यातकों ने चमड़ा, होजरी और मशीनरी के अलावा अन्य गैर-पारंपरिक उत्पादों का निर्यात करना शुरू कर दिया था। निर्यात विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यदि टैरिफ जैसी स्थिति पैदा नहीं होती तो ये निर्यातक दो साल में 50 करोड़ रुपये के निर्यात का आंकड़ा छू लेते। वैश्विक बाजार की बिगड़ती स्थिति के बाद इन निर्यातकों को 100 करोड़ रुपये के निर्यात कारोबार लक्ष्य तक पहुंचने में समय लग सकता है।

पिछले साल 129 निर्यातकों ने निर्यात शुरू किया था
टैरिफ के बाद 40 फीसदी निर्यातक फिर खड़े हो गए
विदेशी खरीदारों ने 60 प्रतिशत निर्यातकों के नमूने मांगे
नए निर्यातकों का कुल निर्यात करीब 25 करोड़ रुपये है।

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
App