डोनाल्ड ट्रम्प पर वलोडिमिर ज़ेलेंस्की: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की रूस के ख़िलाफ़ पूरी तरह से डटे हुए हैं। फरवरी 2022 से चल रहे युद्ध में उन्होंने अपनी स्थिति बिल्कुल निश्चित रखी है. इस दौरान उन्हें कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलना पड़ा, ताकि वह अपने देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर सकें. हालांकि, उनकी मुलाकातों के दौरान कई बार ऐसा लगा कि उनकी डोनाल्ड ट्रंप से तीखी बहस हो गई. इसी बीच एक खबर वायरल हुई जिसमें कहा गया कि जेलेंस्की ट्रंप से डरते हैं, लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने उस खबर को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ उनके संबंध सामान्य और पेशेवर हैं, भले ही उनकी पिछली बैठकों में तनाव रहा हो।
द गार्जियन को दिए एक इंटरव्यू में ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह बाकी दुनिया की तरह ट्रंप से नहीं डरते हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन और अमेरिका दोस्त हैं, दुश्मन नहीं. जब सीधे उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें ट्रंप से वही डर है जो कई अन्य नेताओं को है, तो उन्होंने कहा, “नहीं… हम अमेरिका के दुश्मन नहीं हैं। हम दोस्त हैं। फिर हमें डरने की क्या जरूरत है?”
ट्रंप के साथ ‘अच्छे संबंध’
ज़ेलेंस्की ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि वाशिंगटन में ट्रम्प के साथ उनकी पिछली मुलाकात तनावपूर्ण रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अक्टूबर में व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान जब ज़ेलेंस्की ने अमेरिका से टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों की मांग की थी, तो बातचीत के दौरान माहौल गर्म हो गया था। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा गया कि ट्रंप ने चर्चा के दौरान नक्शे फेंक दिए थे.
इस पर ज़ेलेंस्की ने कहा, “उन्होंने कुछ भी नहीं फेंका. मुझे पूरा यकीन है.” उन्होंने इस मुलाकात को रचनात्मक और पेशेवर बताया. ज़ेलेंस्की के मुताबिक, भले ही दोनों नेताओं के विचार अलग-अलग हों, लेकिन उनका संवाद हमेशा पेशेवर रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि किंग चार्ल्स III ने ट्रम्प के साथ संचार के माध्यमों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने ब्रिटिश सम्राट को यूक्रेन का बेहद समर्थक बताया और कहा कि युद्ध के शुरुआती दौर में आपसी समझ बनाने में राजा का सहयोग बहुत उपयोगी था।
ट्रंप की चेतावनी और युद्ध की पृष्ठभूमि
ज़ेलेंस्की का बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस की बैठक में उन्हें रूस की शर्तें मानने की सलाह दी थी. इस दौरान ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन को बर्बाद कर देंगे. इस बयान से यह आशंका और बढ़ गई है कि अगर ट्रंप व्हाइट हाउस में लौट आए तो यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों का समर्थन किस हद तक बदल जाएगा.
दुनिया भर में 8 युद्ध रोकने का दावा करने वाले ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में कहा था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति बनते ही इस मामले को सुलझा लेंगे. ट्रंप पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वह 24 घंटे के अंदर शांति समझौता कर सकते हैं, लेकिन अब तक उन्हें सफलता नहीं मिली है. उन्होंने कहा है कि युद्ध में अमेरिका की भूमिका पर पुनर्विचार करने की जरूरत है.
ज़ेलेंस्की के ताज़ा बयानों से साफ़ पता चलता है कि कीव अभी भी वाशिंगटन की साझेदारी को बहुत महत्वपूर्ण मानता है, चाहे अमेरिकी राजनीति में कोई भी बदलाव हो।
रूस के ताज़ा हमलों से बिजली संकट
इस बीच, रूस ने यूक्रेन की ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली पर नए मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिससे कई हिस्सों में बिजली कटौती हुई। अधिकारियों के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी खार्किव क्षेत्र में लगभग 1 लाख लोग बिजली, पानी और हीटिंग के बिना हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की हाल ही में एक इंटरव्यू दे रहे थे और इसी दौरान लाइट चली गई. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में यह अब आम बात हो गई है.
नागरिक बुनियादी ढांचे पर थका देने वाला युद्ध
पूर्ण पैमाने पर रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए लगभग चार साल हो गए हैं और इस दौरान मॉस्को ने यूक्रेन की ऊर्जा और हीटिंग प्रणालियों को बार-बार निशाना बनाया है। पिछले कुछ महीनों में ऊर्जा सुविधाओं पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागी गई हैं, जिसे यूक्रेनी अधिकारियों ने सर्दियों से पहले नागरिक मनोबल को तोड़ने की एक सोची-समझी रणनीति बताया है। यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी यूक्रेनर्गो ने ग्रिड को स्थिर रखने के लिए अधिकांश क्षेत्रों में बिजली कटौती लगा दी है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर रूसी हमले जारी रहे तो पूरे सर्दियों के मौसम में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
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