असीम मुनीर के लिए अनुच्छेद 243 में संशोधन करेगा पाकिस्तान: भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिन्दूर के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर फील्ड मार्शल बने। पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा आतंकियों के सफाए के लिए चलाए गए अभियान में भले ही पाकिस्तान के सैन्य अड्डे तबाह हो गए, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने खुद को विजयी घोषित करने के लिए यही चाल चली. हालांकि आसिम मुनीर नवंबर 2025 में रिटायर होने वाले हैं, लेकिन अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार उनका कार्यकाल बढ़ा सकती है. इसके लिए पाकिस्तान की संसद में संवैधानिक संशोधन किया जाएगा.
पाकिस्तान के संविधान या सेना अधिनियम में ‘फील्ड मार्शल’ के पद को कानूनी मान्यता नहीं है, इसलिए इसे संवैधानिक समर्थन देने का प्रस्ताव किया गया है। बताया जा रहा है कि यह संशोधन कुछ व्यापक संस्थागत बदलावों का भी प्रस्ताव करता है, जिसमें संवैधानिक अदालत की स्थापना, कार्यकारी मजिस्ट्रेटों की बहाली, न्यायाधीशों का स्थानांतरण, राष्ट्रीय वित्त आयोग (एनएफसी) के तहत प्रांतीय वित्तीय शक्तियों की समीक्षा और शिक्षा और जनसंख्या नियोजन को संघीय सरकार के तहत वापस लाने जैसे प्रावधान शामिल हैं।
अनुच्छेद 243 में बदलाव से क्या होगा?
प्रस्तावित संशोधन के तहत अनुच्छेद 243 में बदलाव किये जायेंगे, जिससे फील्ड मार्शल पद की शक्तियों और कार्यकाल को कानूनी सुरक्षा और विस्तार मिलेगा. अनुच्छेद 243 सशस्त्र बलों की कमान और नियंत्रण को परिभाषित करता है, लेकिन यह फील्ड मार्शल के पद को न तो मान्यता देता है और न ही इसकी व्याख्या करता है। वैसे भी पिछले साल इसी सरकार ने सेना प्रमुख के कार्यकाल विस्तार की सीमा तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दी थी. पाकिस्तान में सेना प्रमुख का पद सत्ता के शीर्ष पर होता है. संविधान में इस संशोधन और पद की व्याख्या के बाद मुनीर खुद को और ताकतवर बना लेंगे. मुनीर को संवैधानिक शक्तियां भी मिलेंगी.
क्या तैयारी चल रही है?
इस संबंध में बिलावल भुट्टो-जरदारी ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) ने प्रस्तावित 27वें संवैधानिक संशोधन पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से समर्थन मांगा है। पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने सोमवार को कहा कि प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पीएमएल (नवाज) के एक प्रतिनिधिमंडल ने संशोधन पर समर्थन के लिए राष्ट्रपति जरदारी और उनकी पार्टी से संपर्क किया है। उन्होंने एक्स/ट्विटर पर बताया कि पीपीपी की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) की बैठक 6 नवंबर को होगी, जब राष्ट्रपति जरदारी दोहा से लौटेंगे। इस बैठक में पार्टी इस प्रस्ताव पर अपना आधिकारिक रुख तय करेगी.
सेना को संवैधानिक सुरक्षा मिलेगी
यह संशोधन पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के पद और कार्यकाल को संवैधानिक दर्जा देने का एक प्रयास है। मुनीर का वर्तमान कार्यकाल 28 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री कार्यालय और पाकिस्तान सेना के बीच उच्च स्तरीय बैठकें हुई हैं, ताकि जनरल मुनीर के कार्यकाल के अंत में संवैधानिक शून्यता की स्थिति से बचा जा सके। हालाँकि, यह कदम पाकिस्तान में लंबे समय से चले आ रहे नागरिक-सैन्य असंतुलन को और गहरा कर सकता है। पहले से ही ताकतवर पाकिस्तानी सेना संविधान की आड़ में खुद को और मजबूत करेगी.
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