श्योपुर समाचार: श्योपुर: सिस्टम की खराबी या फिर स्वास्थ्य विभाग की सुविधाओं के नाम पर अस्पताल के बाहर एंबुलेंस तो खड़ी कर दी जाती है, लेकिन मरीज को ले जाने के लिए उपलब्ध नहीं होती. श्योपुर जिले की कराहल तहसील से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत तब सामने आ गई जब एक बीमार व्यक्ति को ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा।
परिजन घायल को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचे।
श्योपुर समाचार: दरअसल कराहल के एक गरीब परिवार का सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गया. परिवार ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए दो घंटे पहले एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन उन्हें जवाब मिला कि एम्बुलेंस मुफ़्त नहीं है। परिजनों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद उन्हें ठेले में इंसानियत की आखिरी उम्मीद नजर आई और उन्होंने घायल व्यक्ति को ठेले पर लादकर करीब 2 किलोमीटर दूर कराहल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया. परिजन जब घायल को लेकर अस्पताल पहुंचे तो नजारा देखकर सभी दंग रह गए। अस्पताल परिसर में दो एंबुलेंस खड़ी थीं.
अस्पताल में दो एंबुलेंस थीं
श्योपुर समाचार: यह घटना न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर कब तक गरीबों की जान सरकारी लापरवाही की कीमत चुकाती रहेगी. अगर एंबुलेंस उपलब्ध थी तो मरीज को ठेले पर क्यों लादना पड़ा. हालांकि, अस्पताल में एंबुलेंस चालक अक्सर मनमानी करते हैं और अधिकारी सिर्फ कागजों की जांच तक ही सीमित रहते हैं. कई बार एंबुलेंस चालक मरीज को ले जाने या रेफर करने के लिए पैसे की मांग करते हैं, जिसकी कई बार शिकायत भी की गई है, लेकिन आज तक इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब देखना यह है कि मानवता को शर्मसार करने वाले इस मामले पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है, वरना यह खबर भी जांच के नाम पर फाइलों में धूल बनकर या पन्ने पलटते हुए ही रह जायेगी.
ये भी पढ़ें: Raigarh Crime News: रायगढ़ में एसडीएम के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट.. भाजयुमो नेता पुलिस हिरासत में, घरघोड़ा का मामला..
यह भी पढ़ें: Mozilla and Chrome Users: क्रोम और मोज़िला यूजर्स सावधान! सरकार ने दी बड़ी चेतावनी, एक गलती और लीक हो सकता है आपका पूरा डेटा!



