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Saturday, November 15, 2025
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Sheopur Crime News: जमीन का हिसाब लेने गए थे सहारा बैंक के पूर्व मैनेजर, बदमाशों ने कर दी हत्या…बाद में सामने आए चौंकाने वाले राज


श्योपुर क्राइम न्यूज़: श्योपुर: श्योपुर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां जमीन विवाद ने एक शख्स की जान ले ली. मृतक सुदीप चौहान सहारा इंडिया के पूर्व मैनेजर थे और कल शाम अपनी ही जमीन के हिसाब-किताब को लेकर आरोपियों से बात करने आये थे, लेकिन बात इतनी बढ़ गयी कि तलवार और लाठियों से किये गये हमले में सुदीप चौहान गंभीर रूप से घायल हो गये. घायल अवस्था में उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

जानिए भूमि विवाद की कीमत

इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है और मृतक के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि घायल सुदीप चौहान को समय पर इलाज नहीं मिला. घटना के बाद सुदीप घायल हालत में दुर्गापुरी चौकी पहुंचा और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी. लेकिन पुलिस घायल को इलाज के लिए अस्पताल भेजने के बजाय पहले मानपुर थाने ले गई और वहां घंटों पूछताछ की गई. देर रात जब तक थानाध्यक्ष पप्पू यादव ने प्राथमिकी दर्ज करायी, तब तक घायल का काफी खून बह चुका था. इसके बाद सुदीप को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उसे बचाया नहीं जा सका.

घावों से मृत्यु

मृतक सुदीप चौहान के पास क्यारपुरा इलाके में खेत था, जिसे उसने भत्ते पर दे रखा था. इसी जमीन को लेकर उसका आरोपी पक्ष के चार लोगों से विवाद चल रहा था। कल शाम यह विवाद और बढ़ गया और इसी दौरान आरोपियों ने अचानक हमला कर दिया. हमलावरों ने सुदीप चौहान के सिर पर तलवार से वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गये. घटना के बाद हमलावर मौके से भाग गए।

आरोपी की पहचान

आरोपियों में दिलखुश मीना, सुरेश मीना, राजेंद्र मीना और रामनाथ मीना का नाम सामने आया है. मानपुर पुलिस ने इन चारों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. घटना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. पुलिस ने आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की है और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

पुलिस की लापरवाही से गुस्सा बढ़ गया

इस सनसनीखेज घटना से पूरे इलाके में गुस्से और दहशत का माहौल है. मृतक के परिवार का कहना है कि अगर पुलिस समय रहते सुदीप को अस्पताल भेज देती तो शायद उसकी जान बच जाती. इस पर पुलिस की लापरवाही और थाना प्रभारी की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं.

घटना वाले दिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की, जिससे सुदीप को समय पर इलाज नहीं मिल सका. एफआईआर दर्ज होने तक सुदीप की हालत काफी गंभीर हो गई थी. यही वजह है कि सुदीप का इलाज शुरू होने में काफी देरी हुई और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई.

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