एमपी में आज का मौसम: मध्य प्रदेश में इस बार दिवाली का त्योहार राहत और खुशियों भरा होगा. मौसम विभाग के मुताबिक 20 अक्टूबर को प्रदेश भर में मौसम साफ रहेगा और दिन में तेज धूप निकलेगी. बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिसके कारण रोशनी का यह त्योहार बिना मौसम की बाधा के मनाया जा सकेगा. लेकिन त्योहारी माहौल के बीच मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है.
बारिश का मौसम लौट सकता है
21 अक्टूबर से राज्य के दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश और आंधी की गतिविधियां फिर से शुरू हो सकती हैं, जो तीन दिनों तक यानी 23 अक्टूबर तक जारी रहेंगी. मौसम विभाग ने इस बदलाव का मुख्य कारण दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती परिसंचरण को बताया है. यह सिस्टम मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित कर सकता है.
मौसम वैज्ञानिक ने क्या बताया?
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक 21 से 23 अक्टूबर तक इंदौर, जबलपुर और शहडोल संभाग में हल्की बारिश की संभावना है। प्रभावित जिलों में बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, जबलपुर, सिवनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला शामिल हैं। और बालाघाट.
अक्टूबर का मौसम मिलाजुला रहेगा
एमपी में आज का मौसम: मौसम विभाग ने अक्टूबर में मिश्रित मौसम की भविष्यवाणी की है। दिन में जहां धूप तेज रहेगी वहीं सुबह और रात में हल्की ठंड का अहसास होगा। हवा की दिशा में बदलाव के कारण रात के तापमान में भी कुछ बढ़ोतरी देखी जा रही है. पिछले शनिवार और रविवार को ज्यादातर शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से ऊपर रहा. हालांकि, रीवा, उमरिया और नौगांव जैसे इलाकों में पारा अभी भी 17 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड किया जा रहा है.
दिन में तापमान में मामूली बढ़ोतरी हुई है. उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर और खजुराहो जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 33-34 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है।
नवंबर से कड़ाके की ठंड शुरू हो जायेगी
एमपी में आज का मौसम: मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल सर्दी सामान्य से ज्यादा खराब रहेगी. जोड़ना रहने वाला है. नवंबर का दूसरा सप्ताह राज्य में से कड़ाके की ठंड का युग शुरू होगा, जो जनवरी का अंत तक चलेगा. इस बार ठंड का असर है फ़रवरी तक महसूस किया जा सकता है. यह अनुमान है कि 2010 के बाद से सबसे खराब सर्दी इस बार देखने को मिल सकता है.
इसके साथ ही सर्दियों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने की आशंका है. इसके अतिरिक्त, ला नीना स्थितियां भी धीरे-धीरे विकसित हो रही हैं, जिससे ठंड और बारिश दोनों हो सकती हैं।
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