आगर मालवा: इंदर सिंह परमार पर राजा राममोहन रायमध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शुक्रवार को आगर मालवा में आयोजित बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कई तीखे और विवादित बयान दिये. अपने संबोधन में उन्होंने समाज सुधारक माने जाने वाले राजा राम मोहन राय को ‘अंग्रेजों का बिचौलिया’ बताया और कहा कि ब्रिटिश शासन मिशनरी स्कूलों के जरिए देश में लोगों का विश्वास बदलने की साजिश चला रहा है.
‘मिशनरी स्कूलों के जरिए धर्मांतरण की कोशिश’
इंदर सिंह परमार ने कहा कि उस समय अंग्रेजों द्वारा संचालित मिशनरी स्कूल शिक्षा का मुख्य साधन थे, जहां धर्मांतरण की गतिविधियां चलती थीं. उनके अनुसार, अंग्रेजों ने राजा राममोहन राय को “नकली समाज सुधारक” के रूप में प्रस्तुत किया।
‘साजिश के खिलाफ खड़े होने वाले असली हीरो थे बिरसा मुंडा’
उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों और मिशनरी गतिविधियों के खिलाफ साहसपूर्वक खड़े रहने वाले सच्चे नायक बिरसा मुंडा थे। मंत्री परमार ने दावा किया कि बिरसा मुंडा भी पढ़ना चाहते थे, लेकिन मिशनरी गतिविधियों को समझने के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन में कूद पड़े.
‘असली आदिवासी नायकों का इतिहास दबाया गया’
इंदर सिंह परमार ने पिछली सरकारों पर आदिवासी नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के वास्तविक इतिहास को दबाने का आरोप लगाया, जबकि “धर्मांतरण का मार्ग प्रशस्त करने वाले” लोगों को महान बताया।
बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में दिए गए इस बयान को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाने की आशंका है. मंत्री के बयान पर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों की भी प्रतिक्रिया आने की उम्मीद है.



