इंदौर, 19 नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के इंदौर में देहदान करने वाली 72 वर्षीय महिला को उनकी मृत्यु के बाद राजकीय सम्मान ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के साथ अंतिम विदाई दी गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों ने शहर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में विनीता खांडेकर (72) को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया और उनके पार्थिव शरीर को शिक्षा और अनुसंधान के लिए इस चिकित्सा संस्थान को सौंप दिया गया।
देहदान अभियान से जुड़े गैर सरकारी संगठन ‘मुस्कान ग्रुप’ के कार्यकर्ता जीतू बगानी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि खांडेकर का मस्तिष्क संबंधी समस्या के कारण मंगलवार को निधन हो गया.
उन्होंने कहा, ‘खांडेकर की अंतिम इच्छा के अनुसार, उनके परिवार ने कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मानवता की भलाई के लिए उनका शरीर दान करने का फैसला किया।’
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि मृत्यु के बाद शरीर और अंग दान करने वाले लोगों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के रूप में राजकीय सम्मान दिया जाएगा.
‘गार्ड ऑफ ऑनर’ के दौरान वर्दीधारी पुलिसकर्मी या सैनिक अपने हथियार लेकर एक कतार में खड़े होते हैं। गार्ड का नेतृत्व करने वाले अधिकारी के आदेश पर दस्ते के सदस्य अपने हथियारों को ‘सैल्यूट’ की स्थिति में लाकर संबंधित व्यक्ति के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं।
सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार, ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ आमतौर पर प्रतिष्ठित और वीआईपी श्रेणी के लोगों को दिया जाता है।
भाषा हर्ष ज़ोहेब
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