मध्य प्रदेश भावांतर योजना 2025: भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कहा है कि राज्य सरकार किसान हितैषी है और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘भावांतर योजना‘सोयाबीन का प्रति क्विंटल मॉडल रेट 4 हजार रुपए से ज्यादा तय किया गया है।
भावांतर योजना क्या है? : ‘1300 रुपये अतिरिक्त मिलेंगे’: सीएम डॉ. मोहन
उन्होंने आगे कहा कि राज्य के किसानों को उनकी उपज मुहैया करायी जायेगी. न्यूनतम समर्थन मूल्य सोयाबीन उत्पादक किसानों को एमएसपी का पूरा लाभ देने के लिए प्रति क्विंटल 1300 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। इसका लाभ सोयाबीन उत्पादक किसानों को 13 नवम्बर को वितरित किया जायेगा।
‘पीएम मोदी का मार्गदर्शन’: सीएम डॉ. मोहन
मध्य प्रदेश भावांतर योजना 2025: सेमी डॉ. मोहन यादव ऐसा कहा, प्रधान मंत्री जी नरेंद्र मोदी राज्य सरकार के मार्गदर्शन में कल्याणकारी योजनाओं एवं विकासात्मक कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर राज्य सरकार सशक्त भारत-सशक्त मध्य प्रदेश की राह पर आगे बढ़ रही है।
भावांतर योजना लाभ हिंदी में: भावांतर योजना क्या है?
आइए हम आपको बताते हैं कि, भावांतर योजना एक सरकारी पहल का उद्देश्य किसानों को बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाना है। इसके तहत जब किसी फसल की कीमत बाजार में होती है न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तो सरकार किसानों को भुगतान करेगी न्यूनतम समर्थन मूल्य कीमत और बाजार कीमत के बीच का अंतर बताता है। यह योजना बागवानी फसलों और तिलहन जैसी कुछ अन्य फसलों के लिए लागू की गई है, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
भावांतर योजना की मुख्य विशेषताएं
बाज़ार मूल्य से कम मुआवज़ा: यदि किसी किसान की उपज का बाजार मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है, तो सरकार अंतर राशि सीधे किसान के खाते में जमा कर देती है।
किसानों को सुरक्षा: यह योजना किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, ताकि वे कम कीमत मिलने के डर से अपनी फसल बेचने में संकोच न करें।
विविधीकरण को बढ़ावा दें: यह योजना किसानों को बागवानी और अन्य फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
विभिन्न राज्यों में कार्यान्वयन: यह योजना हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में लागू है, हालांकि इसका नाम और कुछ नियम अलग हो सकते हैं।
पंजीकरण आवश्यक: योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को योजना की अवधि के दौरान आधिकारिक पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है।



