जबलपुर: मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद पर मंगलवार को जबलपुर हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. कोर्ट ने अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) की हस्तक्षेप याचिका खारिज कर दी, जिसमें मामले की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने साफ किया कि मामले पर अंतिम सुनवाई जारी रहेगी.
यह सुनवाई राज्य सरकार की नई प्रमोशन नीति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हो रही है. समय की कमी के कारण आज बहस पूरी नहीं हो सकी, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 नवंबर तय की है.
अजाकास याचिका
अजाक्स की मांग, सरकार का विरोध
सुनवाई के दौरान अजाक्स की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की गई. दलील दी गई कि प्रमोशन में आरक्षण का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए हाई कोर्ट को इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए. अजाक्स ने सुनवाई रोकने का अनुरोध किया.
वहीं राज्य सरकार ने अजाक्स की इस मांग का कड़ा विरोध किया. सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले पर जल्द फैसला लेना जरूरी है ताकि कर्मचारियों को नई प्रमोशन नीति के तहत प्रमोशन का लाभ दिया जा सके. सरकार ने सुनवाई जारी रखने की मांग की.
कोर्ट का फैसला, सुनवाई जारी रहेगी
दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अजाक्स की सुनवाई रोकने की मांग खारिज कर दी. कोर्ट ने मामले पर अंतिम सुनवाई जारी रखने का फैसला किया. इसके बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से दलीलें पेश की गईं. याचिकाकर्ता सपाक्स पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए बताया कि प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए किन प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार की नई प्रमोशन नीति को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. राज्य सरकार की मौखिक प्रतिबद्धता के कारण फिलहाल यह नीति लागू नहीं हो पा रही है. मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार 13 नवंबर को होगी.
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट



