कफ सिरप समाचार: छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक और दर्दनाक खबर सामने आई है. अभी कुछ हफ्ते पहले ही नकली कफ सिरप पीने से 24 से ज्यादा बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था, अब उसी जिले के बिछुआ इलाके में आयुर्वेदिक कफ सिरप पीने से 5 महीने की मासूम बच्ची की मौत का मामला सामने आया है. इस घटना ने एक बार फिर लोगों के दिलों में डर और गुस्सा दोनों पैदा कर दिया है.
सिरप पीने के बाद तबीयत बिगड़ गई
कफ सिरप समाचार: प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक परिवार ने अपनी बेटी को खांसी-जुकाम होने पर पास के स्थानीय मेडिकल स्टोर से आयुर्वेदिक कफ सिरप खरीदा था. बताया जा रहा है कि सिरप पीने के कुछ देर बाद ही बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी और उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई. देर रात पुलिस ने कुठारे मेडिकल स्टोर संचालक को हिरासत में ले लिया और दुकान सील कर दी गई. वहीं, आयुष विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सिरप के सैंपल जांच के लिए भेज दिए. अब इस बात की जांच की जा रही है कि जिस सिरप ने बच्ची की जान ले ली, उसमें ऐसा कौन सा तत्व था.
संबंधित बैच एवं ब्रांड की दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध
कफ सिरप समाचार: जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. छिंदवाड़ा कलेक्टर ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने तक संबंधित बैच और ब्रांड की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. स्वास्थ्य विभाग और आयुष विभाग की संयुक्त टीम इस बात की जांच कर रही है कि सिरप मानक गुणवत्ता का था या इसमें किसी तरह की मिलावट की गई थी.
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है. लोगों का कहना है कि पहले भी नकली सिरप के कारण कई मासूमों की जान जा चुकी है, फिर भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है. अब बिछुआ और आसपास के इलाकों में लोग बच्चों को किसी भी तरह का सिरप देने से डर रहे हैं.
वहीं, पुलिस का कहना है कि मेडिकल स्टोर संचालक से पूछताछ जारी है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह सिरप किस कंपनी का था, कहां से आया और क्या इसके पास जरूरी लाइसेंस और बैच नंबर थे। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि दवा बिना डॉक्टर की पर्ची के बेची जा रही थी।


                                    
