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Saturday, November 22, 2025
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स्मार्ट मीटर से बदल रही है उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था, अब तक लगे 62 लाख से ज्यादा मीटर, 3 करोड़ रुपये का लक्ष्य


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में योगी आदित्यनाथ सरकार की स्मार्ट मीटर परियोजना ने रफ्तार पकड़ ली है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) अब तक पूरे राज्य में 62 लाख 65 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर सफलतापूर्वक स्थापित कर चुका है। सरकार का लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 3 करोड़ 9 लाख 78 हजार करने का है, ताकि हर उपभोक्ता विश्वस्तरीय बिजली सेवा का अनुभव कर सके.

यह परियोजना प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य मानवीय हस्तक्षेप को कम करके बिलिंग प्रक्रिया को सटीक और पारदर्शी बनाना है। स्मार्ट मीटर एक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक मीटर है जो बिजली चोरी रोकने में भी मदद कर रहा है.

स्मार्ट मीटर क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं?

स्मार्ट मीटर उन्नत तकनीक पर आधारित उपकरण है जो बिजली की खपत को मापता है और डेटा को सीधे बिजली कंपनी के सर्वर पर भेजता है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन है इसलिए मीटर रीडिंग के लिए किसी कर्मचारी को आने की जरूरत नहीं है। इससे न केवल बिलिंग में सटीकता आती है, बल्कि उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत की निगरानी करने की भी सुविधा मिलती है।

उपभोक्ताओं को बड़ा फायदा

स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को कई सुविधाएं मिल रही हैं, जिससे उनकी रोजमर्रा की बिजली संबंधी परेशानियां कम हो रही हैं.

1. सटीक और पारदर्शी बिल: स्मार्ट मीटर वास्तविक समय डेटा भेजते हैं, जिससे पूर्वानुमानित बिलिंग की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती है। उपभोक्ताओं को केवल उतनी ही बिजली का बिल चुकाना होगा जितनी उन्होंने उपयोग की है।

2. बिजली चोरी पर रोक: मीटर के साथ छेड़छाड़ करना लगभग असंभव हो जाता है क्योंकि रीडिंग सीधे सर्वर पर दर्ज होती है। इससे बिजली चोरी पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित होता है, जिसका लाभ ईमानदार उपभोक्ताओं को मिलता है।

3. घर बैठे सारी सुविधाएं: उपभोक्ता अब यूपीपीसीएल के ऐप या पोर्टल के माध्यम से अपनी दैनिक खपत की जांच कर सकते हैं, बिल देख सकते हैं और ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें बिजली कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.

4. उपभोग पर नियंत्रण: रियल टाइम मॉनिटरिंग से उपभोक्ता जान सकते हैं कि किस समय बिजली की खपत बढ़ रही है। इससे वे अपनी आदतें बदलकर बिजली और पैसा दोनों बचा सकते हैं। प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ता रिचार्ज के जरिए अपने बजट को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।

5. फॉल्ट की तुरंत जानकारी: किसी भी तरह की बिजली कटौती या लाइन फाल्ट होने पर इसकी सूचना स्मार्ट मीटर के जरिए तुरंत कंट्रोल रूम तक पहुंच जाती है। इससे समस्या का समाधान तेजी से हो सकेगा.

योगी सरकार की यह पहल न केवल उपभोक्ताओं को सशक्त बना रही है बल्कि राज्य की बिजली वितरण प्रणाली को भी मजबूत और सुव्यवस्थित कर रही है।

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