लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हृदय रोगियों के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर है। हार्ट अटैक से होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में हार्ट अटैक के मरीजों को जीवनरक्षक इंजेक्शन ‘टेनेक्टेप्लेस’ या ‘स्ट्रेप्टोकिनेज’ पूरी तरह से मुफ्त लगाया जाएगा।
बाजार में इस इंजेक्शन की कीमत 40 से 50 हजार रुपये तक है, जो अक्सर आम आदमी की पहुंच से बाहर होता है. सरकार के इस कदम से अब गंभीर स्थिति वाले किसी भी मरीज का इलाज पैसे की कमी के कारण नहीं रुकेगा. इसे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और आम लोगों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.
यह कदम महत्वपूर्ण क्यों है?
दिल का दौरा पड़ने के बाद के पहले घंटे को ‘गोल्डन ऑवर’ कहा जाता है। अगर इस दौरान मरीज को उचित इलाज मिले तो उसके बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। ‘टेनेक्टेप्लेस’ और ‘स्ट्रेप्टोकिनेस’ ऐसे इंजेक्शन हैं, जो रक्त के थक्के को घोलकर हृदय की धमनियों में रक्त प्रवाह को फिर से शुरू कर देते हैं। इन्हें ‘क्लॉट बस्टर’ दवाएँ भी कहा जाता है।
अब तक इन महंगे इंजेक्शनों के कारण कई बार मरीज के परिजन इलाज शुरू करने में झिझकते थे या पैसों का इंतजाम करने में अपना कीमती समय गंवा देते थे। अब सरकारी अस्पतालों में इसकी मुफ्त उपलब्धता से ‘गोल्डन आवर’ में ही इलाज शुरू करना संभव होगा, जिससे मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है।
प्रदेश भर के अस्पतालों में मिलेगी सुविधा
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि यह जीवन रक्षक सुविधा केवल बड़े शहरों तक ही सीमित न रहे। इस योजना के तहत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के साथ-साथ प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी हार्ट अटैक के मरीजों को तुरंत प्राथमिक उपचार मिल सके।
इन केंद्रों पर इंजेक्शन उपलब्ध होने से मरीज को बड़े अस्पताल में रेफर करने में लगने वाला समय बचेगा और स्थानीय स्तर पर उसकी जान बचायी जा सकेगी. सरकार इस पहल के माध्यम से एक मजबूत और सुलभ आपातकालीन स्वास्थ्य नेटवर्क बनाने का प्रयास कर रही है।



