मध्य प्रदेश में इस वक्त हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, खेतों में खड़ी फसलें खराब हो रही हैं, ज्यादातर जगहों पर फसलें खेतों में बिखर गई हैं, मौसमी आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों को फसल नुकसान का तत्काल सर्वे कराकर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि मुआवजा दिया जा सके.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद ग्वालियर जिले में भी फसलों का सर्वे चल रहा है। कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर आरआई, पटवारी, फसल सर्वेक्षक और राजस्व एवं कृषि विभाग के कर्मचारी अधिकारी सहित अन्य मैदानी अमला खेतों में फसलों के नुकसान का आकलन कर रहा है.
किसानों से की गई ये अपील
कलेक्टर ने निर्देश दिये हैं कि मैदानी टीम सर्वे कर फसल क्षति का वास्तविक आकलन कर यथाशीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने जिले के किसानों से भी अपील की है कि वे अपने स्मार्ट फोन से अपनी फसलों की जियो टैग (तिथि दर्शाने वाली) फोटो लेकर जिला प्रशासन को भेजें, ताकि सर्वे से मिलान हो सके और वास्तविक पीड़ित मुआवजे से वंचित न रहें.
सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश, किसी भी किसान की फसल सर्वे से न छूटे
आपको बता दें, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के कलेक्टरों को सर्वेक्षण कार्य पूरी निष्पक्षता, शुचिता और पारदर्शिता के साथ करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी किसान की फसल सर्वेक्षण से नहीं छूटनी चाहिए। राज्य सरकार प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत राशि प्रदान करेगी।
फसल सर्वेक्षण रिपोर्ट एसडीएम, तहसीलदार को भेजने के निर्देश
इस संबंध में कलेक्टर रुचिका चौहान ने सर्वे टीमों को गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क कर पूरी पारदर्शिता के साथ फसलों का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। सर्वेक्षण रिपोर्ट में फसलवार नुकसान का सही आकलन भी दर्ज करें। उन्होंने जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को हर गांव की फसल सर्वेक्षण रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं. यह सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जायेगी. राज्य शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र (आरबीसी 6-4) के प्रावधानों के अनुसार नुकसान के आधार पर प्रभावित किसानों के खातों में राहत राशि अंतरित की जायेगी।



