जबलपुर: Jabalpur News: सिहोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर आंदोलन समिति के सदस्यों ने अनोखा प्रदर्शन किया. समिति सदस्यों ने भू समाधि के माध्यम से अपनी मांगें रखीं। यह प्रदर्शन रविवार 26 अक्टूबर को पहले से तय था, लेकिन आंदोलन समिति का आरोप है कि पुलिस प्रशासन लगातार उन पर प्रदर्शन न करने का दबाव बना रहा था और भू समाधि के लिए खोदे गए गड्ढों को दो बार भर दिया गया.
सिहोरा जिले की मांग: इसका असर ये हुआ कि आंदोलन समिति के सदस्यों ने देर रात भू समाधि प्रदर्शन शुरू कर दिया और ये प्रदर्शन करीब 1 बजे तक जारी रहा. स्थानीय जन प्रतिनिधियों और प्रशासन की समझाइश के बाद आंदोलन समिति के सदस्यों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया. समिति ने निर्णय लिया है कि रविवार को फिर से यह आंदोलन किया जायेगा.
आंदोलन समिति के सदस्यों ने वर्तमान भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान शीर्ष नेताओं ने मंच से जनता से वादा किया था कि भाजपा प्रत्याशी की जीत के बाद वे सिहोरा को जिला बनाने की वकालत करेंगे. लेकिन विधानसभा चुनाव के कई साल बीत जाने के बाद भी सिहोरा को जिला बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसके चलते यह आंदोलन शुरू करना पड़ा है.
सिहोरा जिले की मांग: सदस्यों ने दिवाली से एक दिन पहले अपने खून से दीपक जलाकर प्रदर्शन भी किया था। आपको बता दें कि जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील को जिला बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है. 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने सिहोरा को जिला बनाने की घोषणा की थी और गजट भी जारी किया था, लेकिन 24 साल बाद भी सिहोरा जिला अस्तित्व में नहीं आ सका।



