सागर: सागर समाचार, एमपी के सागर शहर के शुक्रवार और शनिचरी वार्ड से हिंदू परिवारों के पलायन को लेकर जिला प्रशासन ने अब सख्त रवैया अपना लिया है। सागर जिला कलेक्टर संदीप जीआर ने जिला पंजीयक को पत्र लिखकर पहले इन दोनों वार्डों में संपत्ति की खरीद-फरोख्त के पंजीकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि संपत्ति बेचने वाला व्यक्ति किसी के दबाव में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है. इसके बाद ही प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए स्लॉट बुक करना चाहिए।
हिंदू परिवार अपना घर बेचकर पलायन करने को मजबूर हैं
दरअसल, पिछले 4 महीने से सागर में हिंदू संगठन लगातार शहर के शुक्रवार और शनिचरी वार्ड से हिंदू परिवारों के पलायन को लेकर आवाज उठा रहे हैं. इन दोनों वार्डों में मुस्लिम परिवारों की प्रताड़ना के कारण हिंदू परिवार औने-पौने दाम पर अपना घर बेचकर यहां से पलायन करने को मजबूर हैं. जिसके बाद 05 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने सागर पहुंचकर पीड़ित हिंदू परिवारों से मुलाकात की और जिला प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त रवैया अपनाने के निर्देश दिए.
जिसके बाद इस मामले में सागर जिला कलेक्टर संदीप जीआर ने जिला पंजीयक निधि जैन को पत्र लिखकर इन दोनों वार्डों में संपत्ति की खरीद-फरोख्त का पंजीकरण करने से पहले उच्च स्तरीय जांच कराने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि यह पता चल सके कि संपत्ति बेचने वाला व्यक्ति किसी के दबाव में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है. इसके बाद ही संपत्ति बिक्री पंजीकरण के लिए स्लॉट बुक किया जाना चाहिए।
संपत्ति की खरीद-फरोख्त के मामले में जांच के बाद ही पंजीकरण
इस मामले को लेकर जब हमने जिला रजिस्ट्रार निधि जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर ने पत्र लिखकर शनिचरी और शुक्रवार वार्ड में संपत्ति की खरीद-फरोख्त के मामले में जांच के बाद ही संपत्ति का पंजीकरण करने के निर्देश दिए हैं, हालांकि सभी मामलों में संपत्ति बेचने वाले पक्ष से भी बात की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह किसी के दबाव में अपनी संपत्ति का सौदा नहीं कर रहा है.
जिला कलेक्टर संदीप जीआर द्वारा जिला रजिस्ट्रार को भेजे गए इस पत्र को लेकर हिंदूवादी संगठन के नेता पप्पू तिवारी ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जिस तरह जिला प्रशासन अब सक्रिय हो गया है, उसी तरह पहले की संपत्ति की रजिस्ट्री की जांच की जानी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितने मजबूर परिवार अपना घर बेचकर यहां से चले गए हैं.
मुस्लिम परिवारों को परेशान करने का आरोप
शनिवार और शुक्रवार से अपने पुश्तैनी मकान बेच चुके दो हिंदू परिवारों से जब हमने बात की तो पीड़ित उमाशंकर शर्मा ने बताया कि उन्हें इस इलाके में मुस्लिम परिवार आए दिन परेशान करते हैं. कभी उनके परिवार के बच्चों को पीटा गया और झूठे मामले में फंसाया गया, तो कभी उनके घरों के बाहर मांस के टुकड़े फेंके गये. जिसके चलते उन्होंने अपना घर एक मुस्लिम परिवार को बेच दिया।
इनके अलावा इसी इलाके से अपना घर बेचकर आई कंचन रायकवार का कहना है कि उनके पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग आए दिन उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे, जिससे उन्हें अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता रहती थी. इसलिए डर के मारे उन्होंने अपना घर बेच दिया.
हालांकि, अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला रजिस्ट्रार के कार्यालय में जिला कलेक्टर के इस आदेश का पालन होता है या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा.
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