भोपाल: धीरेंद्र शास्त्री पदयात्रा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री सक्रिय राजनीति में नहीं हैं लेकिन राजनीति को अपने पक्ष में करने की कला वह बखूबी जानते हैं। शुक्रवार को शुरू हुई उनकी हिंदू जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण का यह विहंगम दृश्य देखें। उन्होंने आज से अपनी यात्रा का दूसरा चरण शुरू कर दिया है. दिल्ली से वृन्दावन तक की 150 किलोमीटर की इस यात्रा में 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल होंगे. जाहिर है, जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं को एकजुट करने का अभियान चलाया तो कांग्रेस ने एक नया एंगल निकाला और पंडित धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी कि अगर वह वाल्मिकी एससी समुदाय की बेटी से शादी करेंगे तो उन्हें सच्चा माना जाएगा.
धीरेंद्र शास्त्री पदयात्रा जब कांग्रेस ने पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर तंज कसा तो बीजेपी उनके समर्थन में उतर आई और आरोप लगाया कि हिंदू समाज की एकजुटता से कांग्रेस नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है.
कुल मिलाकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की इस यात्रा से कितने लोग खुद को हिंदू मानने लगेंगे यह अभी तय नहीं है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या वे इस यात्रा से भारत को हिंदू राष्ट्र बना पाएंगे? क्या ये वाकई राहुल गांधी के जाति जनगणना अभियान का जवाब है? सवाल ये भी है- क्या धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा के पीछे कोई छिपा राजनीतिक एजेंडा है? और सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बाबा की शादी किसी राज्य का राजनीतिक एजेंडा हो सकती है? और सवाल ये भी है- कांग्रेस को पंडित धीरेंद्र शास्त्री से क्या दिक्कत है?



