कभी मध्य प्रदेश में भर्ती घोटालों के लिए बदनाम व्यापमं एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला भोपाल नगर निगम की भर्ती से जुड़ा है, जहां नगर निगम ने द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड को पत्र भेजा था. लेकिन बोर्ड ने गलती से तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया।
इस गलती के बाद भोपाल नगर निगम के इंजीनियरों और कर्मचारियों में गुस्सा फैल गया. सभी एकजुट होकर कर्मचारी चयन बोर्ड के कार्यालय पहुंचे और विरोध दर्ज कराया. नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने भी तुरंत बोर्ड को पत्र लिखकर इस बड़ी गलती को सुधारने के निर्देश दिए हैं.
नगर निगम ने द्वितीय श्रेणी भर्ती मांगी थी
भोपाल नगर निगम के मुताबिक निगम प्रशासन ने कर्मचारी चयन बोर्ड को साफ तौर पर पत्र भेज दिया था कि उन्हें द्वितीय श्रेणी पदों पर भर्ती करनी है. इसमें इंजीनियरिंग से जुड़े पद भी शामिल थे. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि व्यापमं द्वारा जारी विज्ञापन तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के लिए था यानी पूरी प्रक्रिया गलत दिशा में चली गई। नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों का कहना है कि यह न सिर्फ लापरवाही भरी गलती है बल्कि भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाती है. नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने इस गलती को गंभीर प्रशासनिक त्रुटि बताते हुए तुरंत बोर्ड को पत्र लिखा है और कहा है कि इस विज्ञापन को जल्द से जल्द रद्द किया जाए और सही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए.
कर्मचारी चयन बोर्ड के खिलाफ अभियंताओं और कर्मचारियों में गुस्सा है
नगर निगम के इंजीनियर और कर्मचारी कर्मचारी चयन बोर्ड के दफ्तर पहुंचे और इस गलती के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान इंजीनियर जितिन राठौड़ ने कहा कि नगर निगम ने द्वितीय श्रेणी भर्ती का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन व्यापमं ने अपनी मर्जी से तृतीय श्रेणी भर्ती निकाल दी। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि उन उम्मीदवारों के साथ भी अन्याय है जो सही पदों के लिए आवेदन करने का इंतजार कर रहे थे. कर्मचारियों का आरोप है कि जिस स्तर पर कर्मचारी चयन बोर्ड को भर्ती करने का अधिकार नहीं है, उस स्तर पर रिक्तियां बनाना सीधे उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। उन्होंने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और ऐसी गलतियां दोबारा न दोहराई जाएं.
व्यापमं का विवादों से पुराना नाता
मध्य प्रदेश का व्यापमं घोटाला देशभर में चर्चा का विषय बन गया था, जिसमें कई अधिकारी और नेता भी जांच के दायरे में आये थे. अब जब उसी संस्थान ने फिर से भर्ती प्रक्रिया में गलती की है तो लोगों के बीच फिर से वही सवाल उठ रहे हैं कि क्या व्यापमं कभी अपनी पुरानी छवि से बाहर आ पाएगा? विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार होने वाली ऐसी चूक से संस्था की विश्वसनीयता कमजोर होती है और पारदर्शिता पर सवाल खड़े होते हैं।
कर्मचारियों में गुस्सा, अभ्यर्थियों में असमंजस
इसे लेकर जहां नगर निगम कर्मचारियों में गुस्सा और असंतोष देखा जा रहा है, वहीं भर्ती की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी भी असमंजस की स्थिति में हैं. कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्होंने दूसरी श्रेणी की भर्ती की उम्मीद में पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन अब इस गलती ने पूरी प्रक्रिया पर संदेह पैदा कर दिया है.



