विदिशा : मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कोरोना काल में सरकारी राशन वितरण में हुए बड़े घोटाले का सच अब सामने आ गया है. गरीबों को भेजे जाने वाले मुफ्त राशन में 16 करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ है. कलेक्टर अंशुल गुप्ता के निर्देश पर गठित जांच समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि संचालकों ने फर्जी नामों से प्रविष्टियां कर गरीबों का अनाज हड़प लिया। यह पूरी गड़बड़ी 390 सरकारी दुकानों पर पाई गई है. इस पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने वसूली का काम शुरू कर दिया है और दुकानों को रिकवरी नोटिस भेज दिया है. इस पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
मृत लोगों के नाम पर राशन उठाया
विदिशा राशन घोटाला दरअसल, कोरोना के दौरान सरकार गरीबों को राहत अनाज दे रही थी. फिर कुछ संचालकों ने फर्जी नामों से एंट्री कर अनाज में भारी घोटाला किया। इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी अंशुल गुप्ता ने एक जांच टीम गठित की. गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि कई जगहों पर मृत लोगों या प्रवासी परिवारों के नाम पर राशन उठाया गया. सरकारी राशन दुकानों में कुल 16 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है. टीम की रिपोर्ट में 390 दुकानों के नाम सामने आए हैं जो इस घोटाले में शामिल हैं. जिले की नटेरन, सिरोंज, गंजबासौदा और लटेरी तहसील में सबसे ज्यादा अनियमितताएं सामने आई हैं।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई
विदिशा राशन घोटाला: प्रशासन ने इस पूरे घोटाले में शामिल 390 दुकानों के संचालकों को रिकवरी नोटिस दिया है. उनसे वसूली का काम भी शुरू कर दिया गया है. जिला आपूर्ति अधिकारी अनिल तंतुवाय का कहना है कि गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तय समय में राशि जमा नहीं करने वाले संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
वसूली राशि क्या है?
1. तहसील नटेरन – दुकान नंबर 86, राशि ₹ 4.52 करोड़
2. तहसील सिरोंज – दुकान क्रमांक 81, राशि ₹5.28 करोड़
3. तहसील गंजबासौदा – दुकान क्रमांक 63, राशि ₹ 1.67 करोड़
4. तहसील कुरवाई- दुकान क्रमांक 26, राशि ₹ 43 लाख
5. तहसील विदिशा नगर – दुकान क्रमांक 18, राशि ₹ 1.71 करोड़
6. तहसील विदिशा ग्रामीण – दुकान क्रमांक 44, राशि ₹ 64 लाख
7. तहसील लटेरी – दुकान नंबर 61, राशि ₹ 1.51 करोड़
इस पूरे घोटाले में कुल 390 दुकानों से 16.04 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी.



