इंदौर (मध्य प्रदेश), 12 नवंबर (भाषा) ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ के खुलासे और दिल्ली बम धमाकों के बाद जांच के दायरे में आए फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय के एक शीर्ष अधिकारी का मूल निवास इंदौर के पास महू कस्बे में होने की जानकारी से सतर्क पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ और दिल्ली के लाल किले के पास उच्च तीव्रता वाले विस्फोट के सिलसिले में तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा के फरीदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल धौज गांव में अल-फलाह विश्वविद्यालय और इसका 76 एकड़ का परिसर जांच के दायरे में आ गया है।
इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी में जवाद अहमद सिद्दीकी को अल-फलाह यूनिवर्सिटी का चांसलर और अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट का चेयरमैन और मैनेजिंग ट्रस्टी बताया गया है.
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से केवल 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, विश्वविद्यालय का प्रबंधन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसे 1995 में स्थापित किया गया था।
मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्टों के साथ, कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि सिद्दीकी मूल रूप से महू के कायस्थ इलाके का निवासी है और उसका परिवार लगभग दो दशक पहले शहर छोड़ चुका था।
इंदौर से लगभग 25 किलोमीटर दूर महू में सेना के कुछ महत्वपूर्ण संस्थान हैं।
महू के कायस्थ मोहल्ले में दर्जी का काम करने वाले फैयाज अहमद ने संवाददाताओं को बताया कि सिद्दीकी कभी उनके पड़ोसी थे और बचपन में उनके साथ खेलते थे।
उन्होंने कहा, “सिद्दीकी के पिता शहर काजी थे। उनके पिता का निधन हुए काफी समय बीत चुका है। सिद्दीकी को महू छोड़े हुए 20-21 साल हो गए होंगे। तब से हमने उन्हें नहीं देखा है। हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि महू छोड़ने के बाद वह कहां गए और क्या काम करते थे?”
अहमद के मुताबिक महू में रहते हुए सिद्दीकी शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी एक फर्म चलाते थे और अचानक शहर छोड़कर चले गए, जिसके बाद फर्म का दफ्तर बंद हो गया.
उन्होंने कहा कि सिद्दीकी का स्थानीय लोगों के साथ ‘अच्छा व्यवहार’ था।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) यांगचेन डोलकर भूटिया ने कहा, “हमें मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से सिद्दीकी के महू के कथित मूल निवासी के बारे में जानकारी मिली है। इस संबंध में जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।”
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि स्थानीय पुलिस सिद्दीकी के कथित ‘महू कनेक्शन’ की चल रही जांच के सिलसिले में खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है।
उन्होंने कहा कि महू में रहने वाले बुजुर्गों से सिद्दीकी से जुड़ी जानकारी की पुष्टि करने का प्रयास किया जा रहा है क्योंकि युवा पीढ़ी के लोग उनके बारे में नहीं जानते हैं.
दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम विस्फोटकों से लदी एक कार में हुए उच्च तीव्रता वाले विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलवामा के डॉक्टर मोहम्मद उमर नबी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. संदेह है कि वह विस्फोटकों से लदी हुंडई आई20 चला रहा था.
यह विस्फोट विश्वविद्यालय से जुड़े तीन डॉक्टरों सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक जब्त किए जाने के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े एक ‘सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल’ का खुलासा हुआ, जो कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था।
गिरफ्तार किए गए लोगों में शामिल डॉ. मुजम्मिल गनई अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ाते थे।
भाषा हर्ष रविकान्त मनीषा
मनीषा



