भोपाल, आठ नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश में मतदाता सूचियों के चल रहे गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चुटकी लेते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को 11 वर्षों में केवल 2,400 घुसपैठिए मिले, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के दौरान 88,000 ऐसे लोगों को उनके देश वापस भेजा गया था।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सिंह उस दावे का जिक्र कर रहे थे कि एसआईआर का उद्देश्य घुसपैठियों को बाहर निकालना है।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव में ‘घुसपैठिए’ चिल्ला रही है, लेकिन सच्चाई क्या है? 2004 से 2014 तक केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दो कार्यकाल के दौरान 88,000 लोगों को निर्वासित किया गया जो देश के नागरिक नहीं थे।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन बीजेपी के पिछले 11 साल में सिर्फ 2400 घुसपैठिए ही पाए गए हैं. इसका मतलब यह है कि यूपीए शासनकाल में जितने घुसपैठिए पाए गए थे, उसका तीन प्रतिशत भी उन्हें नहीं मिल पाया है।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद बीजेपी हमेशा घुसपैठियों का मुद्दा उठाती रहती है.
मध्य प्रदेश में एसआईआर का काम इस सप्ताह की शुरुआत में शुरू हुआ।
सिंह ने कहा कि पहले यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का काम था कि हर नागरिक को वोट देने का अधिकार मिले, लेकिन एसआईआर के तहत अब नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी लोगों पर डाल दी गई है.
उन्होंने पूछा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाता तो उसके परिणाम क्या होंगे.
मतदाता सूचियों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग से चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद मतदाता सूचियों को ‘फ्रीज’ करने का आग्रह किया ताकि नाम जोड़े या हटाए न जा सकें।
सिंह ने कहा कि 2003 में जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और स्कूल प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ पर्याप्त थे, लेकिन अब नागरिकता प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं, जो ’99 प्रतिशत भारतीयों के पास नहीं हैं’।
उन्होंने कहा कि अक्सर उम्मीदवारों को दी जाने वाली मतदाता सूची और मतदान के दिन पीठासीन अधिकारी के पास उपलब्ध सूची में अंतर होता है, जिसके परिणामस्वरूप योग्य मतदाता वंचित रह जाते हैं।
भाषा डिमो राजकुमार
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