भोपाल, 22 अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को उन दावों को खारिज कर दिया कि वह राजनीति में हाशिए पर हैं और एक बार फिर दोहराया कि वह 2029 के लोकसभा चुनाव में झांसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने कहा, “मैं राजनीति में थोड़ा भी हाशिए पर नहीं हूं…मैंने पार्टी को सूचित कर दिया है कि मैं 2029 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।” अगर पार्टी चाहेगी तो मैं 2029 का चुनाव जरूर लड़ूंगा. लेकिन मैं लोकसभा चुनाव सिर्फ झांसी से ही लड़ूंगी. अगर पार्टी पूछेगी तो मैं ना नहीं कहूंगा.
उन्होंने कहा, ”मुझे किसी और तरह की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है.”
भारती ने कहा कि राजनीति में उनकी मुख्य रुचि गाय और गंगा से जुड़े कार्यों में है और इसी सिलसिले में वह 29 अक्टूबर को गोपाष्टमी के अवसर पर ‘गौ संवर्धन अभियान’ शुरू करेंगी.
उन्होंने कहा कि यह अभियान डेढ़ साल तक चलेगा और इसमें ग्राम पंचायतों की मदद से किसानों को शामिल किया जाएगा.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार को लाडली ब्राह्मण योजना के लाभार्थियों को दो गायें देनी चाहिए, ताकि वे इन्हें पाल सकें और आत्मनिर्भर भी बन सकें.
हाल ही में भारती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा था कि अगर पार्टी कहेगी तो वह 2029 में झांसी लोकसभा सीट से ही चुनाव जरूर लड़ेंगी.
भारती 2014 के लोकसभा चुनाव में झांसी संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। उन्होंने इसी साल अगस्त में कहा था कि वह अभी राजनीति से दूर नहीं हुई हैं और समय आने पर चुनाव लड़ेंगी.
पिछले तीन लोकसभा चुनावों से लगातार बीजेपी झांसी सीट से विजयी रही है. फिलहाल इस सीट से बीजेपी के अनुराग शर्मा लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं.
भारती ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा की पुरजोर वकालत की और कहा कि इससे विकास संबंधी कई बाधाएं दूर होंगी.
उन्होंने कहा, ”मैं चाहता हूं कि लोकसभा, विधानसभा, नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत सभी के चुनाव 45 दिन में पूरे हो जाएं.”
मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा भगवान कृष्ण को ‘गोपाल’ कहे जाने पर जतायी गयी आपत्ति पर वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को धर्मशास्त्र में ‘विशेषज्ञ’ नहीं बनना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भगवान का नाम गोपाल हजारों साल पहले दिया गया है और उनका नाम गोपाल है और यह हर किसी की जुबान पर है.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भारती ने कहा, “नेताओं को धर्मशास्त्र के सवालों से बचना चाहिए. गोपाल नाम बहुत पुराना है… और मोहन (मुख्यमंत्री मोहन यादव) एक तरह से गोपाल ही हैं. वह स्वाभाविक रूप से बोलने वाले व्यक्ति हैं. बहुत सरल व्यक्ति हैं. यह लोगों का काम है कि भगवान को कौन किस नाम से बुलाता है.”
हाल ही में गोवर्धन पूजा कार्यक्रम के मौके पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा था कि ‘गलती से उन्हें (भगवान कृष्ण को) गोपाल कहा जाता है, ये उनसे थोड़ा जुड़ा हुआ है, जो गाय पालता है वो गोपाल है.’
भारती ने कहा कि राजनीतिक नेता धर्मग्रंथों के विशेषज्ञ नहीं होते और उन्हें अपनी भावनाएं सार्वजनिक रूप से व्यक्त नहीं करनी चाहिए.
“इसे संतों पर छोड़ दो,” उन्होंने कहा। भगवान कृष्ण गोपाल हैं या माखन चोर यह लोगों के व्यक्तिगत आनंद और भक्ति का विषय है। मुझे लगता है कि हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव थोड़े भोले हैं.
बीजेपी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के मुंह से यह बात निकली होगी और जब उन्हें बताया जाएगा तो उन्हें लगेगा कि उन्हें यह नहीं कहना चाहिए था.
भाषा ब्रजेन्द्र नोमान
कोई आदमी नहीं