इंदौर, 24 अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार के शहरी विकास एवं आवास विभाग ने ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत जनभागीदारी से इंदौर जिले के देपालपुर कस्बे की ऐतिहासिक सूरजकुंड बावड़ी का जीर्णोद्धार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा, “मंगलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्थित सूरजकुंड बावड़ी अपने मूल स्वरूप में लौट आई है।”
उन्होंने बताया, “ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से यह बावड़ी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। स्थानीय मान्यता के अनुसार इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में परमार वंश के शासन काल में हुआ था। इसके बाद इंदौर के तत्कालीन होल्कर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका जीर्णोद्धार कराया। इससे यह बावड़ी स्थानीय नागरिकों के लिए स्वच्छ जल का मुख्य स्रोत बन गई।”
अधिकारी ने बताया कि समय बीतने के साथ इस ऐतिहासिक बावड़ी का रखरखाव कम होता गया और यह सूखने की कगार पर पहुंच गयी. अधिकारी के मुताबिक बावड़ी की उपेक्षा के कारण इसकी सीढ़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
उन्होंने कहा कि इस बावड़ी के पुनरुद्धार का कार्य शहरी विकास की ‘अमृत 2.0’ योजना के तहत शुरू किया गया था और जनभागीदारी को लेकर स्थानीय नागरिकों के उत्साह ने इस परियोजना को गति दी।
अधिकारी ने कहा, “बावड़ी के संरक्षण और सफाई से इसके पानी की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार हुआ है।”
भाषा
हर्ष रविकांत



