मध्य प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. भावांतर योजना के तहत राज्य की सभी मंडियों में सोयाबीन की खरीद 24 अक्टूबर से की जाएगी, जो 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी। सोयाबीन के लिए एमएसपी 5328 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। खास बात यह है कि किसान पहले की तरह ही मंडियों में सोयाबीन बेचेंगे। योजना के तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के बीच के अंतर की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी। फसल बिक्री के 15 दिन के अंदर कीमत का अंतर सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
9.36 लाख सोयाबीन उत्पादक किसानों ने कराया पंजीयन
सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की गई भावांतर योजना के तहत 3 से 17 अक्टूबर तक चले पंजीयन में 9.36 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। प्रदेश में सात जिले उज्जैन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, सीहोर, विदिशा और सागर ऐसे हैं, जहां 50 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन करवाया है। इसी प्रकार 21 जिलों के 10 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। राज्य में सोयाबीन की बिक्री की अवधि 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक होगी। यदि सोयाबीन एमएसपी से कम कीमत पर बेचा जाता है, तो किसानों के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार द्वारा भावांतर योजना के तहत की जाएगी। राज्य सरकार सीधे फसल की बिक्री मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बीच अंतर का भुगतान करेगी।
सीएम ने अधिकारियों को ये निर्देश दिये
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के हित में भावान्तर योजना प्रारम्भ की गई है, प्रदेश में इस योजना के तहत तीन गुना से अधिक पंजीयन हो चुके हैं। जिलों की मंडियों एवं उपमंडियों में किसानों को सोयाबीन विक्रय हेतु आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जायें।
- किसानों को योजना से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायी जाय। भावांतर राशि का भुगतान ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से किसानों के पंजीकृत बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से निर्धारित अवधि में किया जाए।
- भुगतान की जानकारी किसान को एसएमएस के माध्यम से दी जाए। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन के बाद मण्डी पोर्टल पर सभी कार्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किये जाने की व्यवस्था की गई है।
- सभी बाजारों एवं उप बाजारों में तकनीकी एवं मानव संसाधन की व्यवस्था की गयी है। बाजार स्तर के कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी कराया जा चुका है।
- प्रवेश द्वार और प्रांगण में सीसीटीवी से निगरानी की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक बाजार में हेल्प डेस्क भी बनाए गए हैं।
- भावांतर योजना के संबंध में कलेक्टर और कमिश्नर के साथ ही कृषि सचिव द्वारा बैठकों में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।