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Friday, October 24, 2025
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मध्य प्रदेश: दिवाली पर ‘खतरनाक’ बंदूकों के इस्तेमाल से 100 से ज्यादा लोग घायल, अस्पतालों में भर्ती


भोपाल/विदिशा, 23 अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और उससे सटे विदिशा जिले में दिवाली के मौके पर ‘खतरनाक’ कैल्शियम कार्बाइड गन के इस्तेमाल से घायल हुए सौ से ज्यादा लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनमें से ज्यादातर आठ से 14 साल की उम्र के बच्चे हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों ने बताया कि भोपाल के सरकारी अस्पतालों में जहां साठ लोग भर्ती हैं, वहीं विदिशा के सरकारी और कुछ निजी अस्पतालों में 50 लोगों का इलाज चल रहा है, जिनमें से डॉक्टर पांच लोगों की आंखों की रोशनी बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

अधिकारी ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं लेकिन कुछ लोगों के चेहरे जल गये हैं और कुछ की आंखों की रोशनी भी खतरे में है.

भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) मनीष शर्मा ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में कहा, ”कार्बाइड पाइप गन बेहद खतरनाक है. इसके इस्तेमाल से घायल हुए 60 लोगों का अभी भी राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है लेकिन सभी सुरक्षित हैं.”

उन्होंने कहा कि पांच लोगों का इलाज सेवा सदन अस्पताल में किया जा रहा है जबकि अन्य हमीदिया अस्पताल, जेपी अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि दिवाली के अगले दिन भोपाल शहर भर में 150 से अधिक ऐसे मामले सामने आए, जिनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम एम्स में भर्ती 12 साल के बच्चे की आंखों की रोशनी वापस लाने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने बताया कि हमीदिया में भर्ती ऐसे दो और बच्चों की आंखों की रोशनी लौटाने का इलाज चल रहा है. हमीदिया अस्पताल में इस वक्त करीब 10 बच्चे भर्ती हैं.

गैस लाइटर, प्लास्टिक पाइप और कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल से बनी यह घरेलू बंदूक इस दिवाली भी प्रचलन में रही। बंदूक में भरा कैल्शियम कार्बाइड जैसे ही पानी से मिलता है तो एसिटिलीन गैस बनाता है और चिंगारी मिलते ही फट जाता है.

विशेषज्ञों ने कहा कि विस्फोट के कारण पाइप टूटने पर जो छोटे-छोटे प्लास्टिक के टुकड़े निकलते हैं, वे छर्रे की तरह शरीर में प्रवेश करते हैं और गंभीर चोटों का कारण बनते हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर आंखों, चेहरे और त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।

हमीदिया अस्पताल में भर्ती 14 साल के हेमंत पंथी और 15 साल के आरिस के परिजनों ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बात करते हुए इस कार्बाइड गन के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया और इस गन के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की.

आरिस के पिता सारिख खान ने कहा कि इस तरह की बंदूकें बाजार में नहीं बिकनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने ये बंदूकें बनाई हैं और जो इन्हें बेच रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और बच्चों के इलाज के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए।’

सीएमएचओ शर्मा ने बताया कि प्रशासन लगातार कार्बाइड गन बेचने और बनाने वालों पर कार्रवाई कर रहा है.

विदिशा जिला अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के प्रभारी आरके साहू ने कहा कि जिले में कार्बाइड गन की फायरिंग से 50 लोग घायल हुए हैं और उनमें से पांच की आंखों की रोशनी वापस लाने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में जिला अस्पताल में 10 मरीज भर्ती किये गये हैं.

विदिशा मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रमुख डॉ. एससीएल चंद्रवशी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को 17 और बुधवार को तीन मरीज भर्ती हुए हैं और सभी का इलाज जारी है.

उन्होंने कहा कि एक बच्चे की आंख का ऑपरेशन किया गया क्योंकि उसे गंभीर चोटें आई थीं.

चंद्रवंशी ने बताया कि ऑपरेशन के जरिए उनकी आंखों की रोशनी लौटाने की कोशिश की जा रही है.

बाकी मरीज जिले के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती हैं।

वहीं, एक निजी अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ रूपाली जैन ने बताया कि उनके अस्पताल में भी पिछले दो दिनों में 20 मरीज इलाज के लिए भर्ती हुए हैं.

विदिशा के पुलिस अधीक्षक रोहित काशवानी ने बताया कि पुलिस कार्रवाई में कुल 228 प्लास्टिक कार्बाइड बंदूकें और 102 कार्बाइड पैकेट जब्त किए गए और एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 18 अक्टूबर को अधिकारियों के साथ बैठक में राज्य के जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को कार्बाइड पाइप गन नहीं बेचने का निर्देश दिया था, लेकिन बाजारों में ये धड़ल्ले से बिकीं.

भाषा सं.ब्रजेन्द्र

मनीषा रंजन

रंजन

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