इंदौर, 27 अक्टूबर (भाषा) मिलावट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि मिलावट के जरिए लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले तत्वों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा।
यादव ने इंदौर में राज्य सरकार द्वारा 8.12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया.
इस मौके पर आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, “मैं मिलावटखोरों को चेतावनी देना चाहता हूं कि हम उन्हें बिल्कुल भी नहीं छोड़ने वाले हैं. हम ऐसे लोगों को जेल भेजकर सजा दिलाएंगे.”
यादव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को मिलावट के जरिये लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की आजादी नहीं दी जा सकती.
मुख्यमंत्री ने कहा, ”अगर आप गलत काम करेंगे तो सरकार आपको नहीं छोड़ेगी.” यदि आप सही काम करेंगे तो हम आपको प्रोत्साहित करेंगे।”
उन्होंने कहा कि 1956 में अस्तित्व में आए प्रदेश के इतिहास में पहली बार राजधानी भोपाल के बाद संभाग स्तर पर खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला खोली गई है और यह सिलसिला जबलपुर, ग्वालियर और अन्य संभागों में भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, इंदौर 56 दुकानों और अन्य चाट-चौपाटियों के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रयोगशाला की मदद से शहर में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोका जा सकेगा और स्वाद प्रेमियों के लिए शुद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि भोपाल की खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से हर साल खाद्य पदार्थों और दवाओं के केवल 6,000-6,000 नमूनों का परीक्षण किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”इंदौर की प्रयोगशाला खुलने के बाद अब प्रदेश में हर साल खाद्य पदार्थों और दवाओं के कुल 20,000 नमूनों की जांच की जा सकेगी.”
भाषा आनंद
कोई आदमी नहीं
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