मंदसौर पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय नकली नोट रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसकी जड़ें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक फैली हुई थीं. महीनों से सक्रिय इस नकली नोट रैकेट का संचालन पंजाब के पटियाला निवासी गुरजीत सिंह उर्फ गुरिंदरजीत सिंह कर रहा था, जिसे पुलिस ने सनौर इलाके से गिरफ्तार किया है.
27 अक्टूबर को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ युवक नकली नोट सप्लाई करने में सक्रिय हैं. सूचना के आधार पर वायडीनगर थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने जाल बिछाया और तीन आरोपियों निसार हुसैन पटेल, रियाज नियारगर और दीपक गर्ग को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से 38,000 रुपये के नकली नोट बरामद हुए.
पंजाब में चल रही थी नकली नोटों की ‘फैक्ट्री’
जांच के दौरान पता चला कि नकली नोट बनाने की पूरी यूनिट पंजाब के सनौर इलाके में गुरजीत सिंह चला रहा था. मंदसौर पुलिस की विशेष टीम ने वहां छापा मारकर मुख्य सरगना को गिरफ्तार कर लिया. छापेमारी के दौरान पुलिस ने 3.66 लाख रुपये के नकली नोट, कंप्यूटर, कलर प्रिंटर, हरी चमकदार पन्नी और सादे नोट जैसी शीट बरामद कीं. कुल मिलाकर 18 लाख रुपये का मशरूका जब्त किया गया है.
नकली नोट बनाने की तकनीक यूट्यूब से सीखी थी
पूछताछ में पता चला कि गुरजीत सिंह ने यूट्यूब वीडियो देखकर फोटोशॉप के जरिए नोटों को स्कैन करना और हरी पन्नी लगाकर उन्हें असली जैसा दिखाना सीखा था. वह पिछले कई महीनों से अलग-अलग राज्यों में नकली नोट सप्लाई कर रहा था. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक गुरजीत सिंह पहले भी हरियाणा और राजस्थान में नकली नोट मामले में गिरफ्तार हो चुका है.
एसपी विनोद कुमार मीना का बयान
एसपी विनोद कुमार मीणा ने कहा, “नकली भारतीय मुद्रा के निर्माण और व्यापार में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मंदसौर पुलिस हर स्तर पर ऐसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगी।”
मंदसौर के लिए नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट



