मध्य प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, प्रदेश के ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान गिर रहा है, इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है, स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों की परेशानी को समझते हुए इंदौर कलेक्टर ने आदेश दिया है कि अब से इंदौर जिले में चलने वाले स्कूल सुबह 9 बजे से पहले शुरू नहीं होंगे.
इंदौर भी ठंड की चपेट में है, सुबह का तापमान 6, साढ़े 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है, ठंड के कारण बच्चों को काफी परेशानी हो रही है, जिसे देखते हुए इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है कि कोई भी स्कूल सुबह 9 बजे से पहले शुरू नहीं हो सकेगा.
मंगलवार से स्कूल सुबह 9 बजे से शुरू होंगे
कलेक्टर वर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस आशय का आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं और इस आदेश को कल मंगलवार 18 नवंबर से प्रभावी करने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर का कहना है कि यह आदेश जिले में संचालित सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर लागू होगा.
कलेक्टर ने ली स्कूलों की बैठक
वहीं दूसरी ओर कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में आज कलेक्टर कार्यालय में शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय संचालकों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में छात्रों से संबंधित प्रमुख विषयों जैसे छात्रवृत्ति, परिवहन व्यवस्था, किताबें, शिक्षण सामग्री, वर्दी, फीस और अग्नि सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की गई।
अनावश्यक शुल्क वसूली से बचने के निर्देश
बैठक में कलेक्टर वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिये कि विद्यार्थियों के जीवन, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन, स्वास्थ्य, सुरक्षा या उनकी शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने शिक्षा सामग्री एवं फीस संबंधी मामलों पर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि फीस वृद्धि नियमानुसार की जाए और अनावश्यक शुल्क वसूली से बचा जाए। बच्चों पर किसी एक दुकान से किताब, कॉपी या अन्य सामग्री खरीदने का दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए और किसी भी प्रकार का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।
स्कूली वाहनों की सुरक्षा, फायर ऑडिट अनिवार्य करने पर जोर
कलेक्टर वर्मा ने स्कूल वाहनों की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सभी वाहनों में आवश्यक सुरक्षा उपकरण, प्रशिक्षित स्टाफ एवं वाहन फिटनेस अनिवार्य रूप से उपलब्ध होनी चाहिए। वाहन निर्धारित गति सीमा के अंदर ही चलें तथा सभी वाहनों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। बैठक में यह भी निर्देश दिये गये कि सभी स्कूलों में फायर ऑडिट अनिवार्य होगा. कर्मचारियों को अग्निशमन उपकरण चलाने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। आपदा के समय सुरक्षा हेतु विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों हेतु नियमित मॉक ड्रिल आयोजित की जाय।



