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Monday, November 17, 2025
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पूर्व पीएम शेख हसीना को मौत की सजा, निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग और ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ का दोषी पाया गया


ढाका: बांग्लादेश की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध और निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने का दोषी ठहराया है. यह ऐतिहासिक फैसला छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और मौतों के सिलसिले में आया है.

कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया कि शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों के आंदोलन को कुचलने के लिए घातक हथियारों और ड्रोन का इस्तेमाल करने का सीधा आदेश दिया था. कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध माना और उसे मौत की सजा सुनाई.

कोर्ट ने इसे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ माना

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि मानवता के खिलाफ ये अपराध शेख हसीना और उनके सहयोगियों के आदेश पर किए गए थे. फैसले के मुताबिक, तत्कालीन प्रधानमंत्री के तौर पर शेख हसीना स्थिति को संभालने और हिंसा को रोकने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी में पूरी तरह विफल रहीं।

इस बात के भी सबूत सामने आए कि हसीना ने एक ‘कोर कमेटी’ बनाई थी जिसे प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाने के लिए विशेष निर्देश दिए गए थे।

साजिश में गृह मंत्री और आईजीपी की भूमिका

कोर्ट ने बताया कि इस मामले में बड़ी साजिश रची गई थी. 19 जुलाई के बाद तत्कालीन गृह मंत्री के आवास पर लगातार बैठकें हुईं, जिनमें छात्र आंदोलन को बलपूर्वक दबाने के निर्देश दिये गये.

जांच के दौरान पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) से भी पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर इन कृत्यों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। इसके अतिरिक्त, सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों ने भी सक्रिय रूप से प्रदर्शनकारियों को परेशान किया और उन पर हमला किया।

54 गवाह और यूएन की रिपोर्ट बनी आधार

इस अहम फैसले तक पहुंचने के लिए कोर्ट ने कुल 54 गवाहों के बयान दर्ज किये. कोर्ट ने कहा कि यह संख्या आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त है. गवाहों के बयानों के साथ-साथ देश भर से एकत्र किए गए सबूतों और विभिन्न स्रोतों से अतिरिक्त सबूतों की भी गहन जांच की गई।

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक एजेंसी की रिपोर्ट भी फैसले का अहम आधार बनी. अदालत ने रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि मानवता के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर अपराध शेख हसीना और उनके गृह मंत्री के आदेश पर किए गए थे।

सुनिए सुनवाई के दौरान क्या हुआ

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