नीमच. जिले के मोरवन इलाके में प्रस्तावित 350 करोड़ रुपये की कपड़ा फैक्ट्री के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. सुबह जहां सैकड़ों महिलाओं ने शांतिपूर्ण मार्च निकाला, वहीं दोपहर होते-होते स्थिति और खराब हो गई. गुस्साई भीड़ ने कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए, जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, ‘फैक्ट्री हटाओ-बांध बचाओ’ अभियान के तहत ग्रामीण लंबे समय से इस फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं. मंगलवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर सड़क पर उतर आयीं. वे नारेबाजी करते हुए फैक्ट्री के लिए प्रस्तावित स्थल की ओर बढ़े और वहां चल रहे धरने में शामिल हो गए। तब तक उनका विरोध शांतिपूर्ण था.
विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया
दोपहर में स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब प्रदर्शनकारी फैक्ट्री निर्माण स्थल की ओर बढ़ने लगे. देखते ही देखते शांतिपूर्ण आंदोलन हिंसक हो गया. सूत्रों के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों और मौके पर मौजूद पुलिस के बीच झड़प हो गई. इसके बाद बेकाबू भीड़ ने वहां खड़ी कई गाड़ियों को निशाना बनाया और उनमें तोड़फोड़ की.
क्यों हो रहा है फैक्ट्री का विरोध?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जिस जमीन पर यह रेयान फैक्ट्री स्थापित की जा रही है वह कृषि और जलस्रोत के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. उनका आरोप है कि फैक्ट्री लगने से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान होगा बल्कि इलाके के जलस्तर पर भी बुरा असर पड़ेगा. ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन ने उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज कर फैक्ट्री के निर्माण को मंजूरी दे दी. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है.
फिलहाल प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है और भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है. जिला प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. गौरतलब है कि प्रशासन पहले ही लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर चुका है, लेकिन विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है.
नीमच,कमलेश सारडा



