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Monday, November 3, 2025
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नीमच: 350 करोड़ की कपड़ा फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, ट्रैक्टरों से निकलें, कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर सौंपेंगे ज्ञापन


नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच जिले में प्रस्तावित कपड़ा फैक्ट्री के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन एक बड़े आंदोलन में बदल गया है. सोमवार सुबह मोरवन क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने 350 करोड़ रुपये की लागत से बन रही ‘सुविधा रेयॉन्स प्राइवेट लिमिटेड’ फैक्ट्री के खिलाफ विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली. इस रैली में 50 से अधिक गांवों के किसान शामिल हुए, जो कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपेंगे.

किसानों का कहना है कि यह फैक्ट्री उनकी आजीविका का साधन छीन लेगी. उनका आरोप है कि फैक्ट्री का निर्माण उस जमीन पर किया जा रहा है जिसका उपयोग वे पीढ़ियों से खेती, पशु चराने और खेल के मैदान के रूप में करते आ रहे हैं।

जमीन और पानी बचाने के लिए लड़ो

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की मुख्य चिंता पानी की उपलब्धता और ज़मीन के बंजर होने को लेकर है. किसान नेता राजकुमार अहीर ने चेतावनी दी कि फैक्ट्री से इलाके में गंभीर जल संकट पैदा हो सकता है.

“अगर बांध का आधा पानी फैक्ट्री को दिया गया तो जावद, मोरवन और आसपास के गांवों में पीने और सिंचाई के लिए पानी की भारी कमी हो जाएगी।” -राजकुमार अहीर, किसान नेता

ग्रामीणों का आरोप है कि बिना किसी जनसुनवाई और स्थानीय निरीक्षण के ही फैक्ट्री के लिए जमीन आवंटित कर दी गई. इसके अतिरिक्त, प्रस्तावित फैक्ट्री स्थल के पास एक स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र की उपस्थिति ने भी प्रदूषण और सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।

“हमें नौकरी नहीं, अपनी मिट्टी चाहिए”

किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे विकास के नाम पर अपनी कृषि भूमि और जल स्रोतों को खोने के लिए तैयार नहीं हैं। जनपद सदस्य पूरणमल अहीर ने किसानों की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वे नौकरी की बजाय खेती पर निर्भर रहना पसंद करेंगे।

“हमें नौकरी नहीं चाहिए, हम खेती करके अपना जीवन यापन करेंगे, लेकिन अपने गांव का पानी और ज़मीन नहीं खोएंगे।” – पूरणमल अहीर, जनपद सदस्य

कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मनोहर जाट ने भीलवाड़ा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां ऐसी ही फैक्ट्रियों ने जमीन को बंजर बना दिया है और नीमच में ऐसी गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए. रैली में शामिल ट्रैक्टरों पर “धरती पुत्र किसान, बात तेरी कुण सुनेगा” जैसे गाने बजाए जा रहे हैं, जो उनके संघर्ष को आवाज दे रहे हैं।

किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप लेगा. फिलहाल यह रैली सरवानिया और जावद होते हुए कलेक्टर कार्यालय की ओर बढ़ रही है.

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट

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