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Saturday, November 1, 2025
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नीमच: सट्टे की शिकायत करने वालों पर ही पुलिस की कार्रवाई! टीआई बोले- कुर्की वारंट था, ग्रामीण बोले- ‘अन्याय हुआ’


नीमच. मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सिंगोली में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां अवैध सट्टेबाजी के खिलाफ आवाज उठाने वाले एक नागरिक के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की. पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने सट्टेबाजों को बचाने के लिए उल्टे शिकायतकर्ता पर ही दबाव बनाया और उसे थाने में प्रताड़ित किया.

मामला सिंगोली के पंचर मैकेनिक ख्वाजा हुसैन से जुड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर शिकायत की थी कि इलाके में सट्टेबाजी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. लेकिन इस शिकायत का नतीजा यह हुआ कि पुलिस टीम सट्टेबाजों की बजाय ख्वाजा हुसैन की दुकान पर पहुंच गई.

राजनीतिक प्रभाव का आरोप

ख्वाजा हुसैन का आरोप है कि रावतभाटा रोड पर धोगवा इलाके में एक ढाबे पर खुलेआम सट्टा, मीट और शराब का अवैध कारोबार चल रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसे भाजपा नगर पंचायत अध्यक्ष के भाई पारस उर्फ ​​बब्बन बागरा (जैन) चलाते हैं। इस अवैध धंधे से गरीब मजदूरों के परिवार बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इतना ही नहीं जानकारी यह भी सामने आई है कि हुसैन ने यह जानकारी एसपी को व्हाट्सएप के जरिए भी भेजी थी.

पुलिस पर आरोप

आरोप है कि शिकायत के बाद सिंगोली थाना प्रभारी बीएल भाभर ने ख्वाजा हुसैन और उसके बेटे शाहरुख को थाने बुलाया. वहां उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और शिकायत वापस लेने के लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। हुसैन के मुताबिक, जब उन्होंने अपना मोबाइल देने से इनकार कर दिया तो पुलिस ने बिना सर्च वारंट के उनकी दुकान की तलाशी ली.

“मैंने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की थी कि नगर पंचायत अध्यक्ष का भाई सट्टा कारोबार चलाता है। इस पर सिंगोली पुलिस वाले आए और मुझे थाने ले गए और कहा कि यह शिकायत हटा लो नहीं तो ठीक नहीं होगा। मुझे परेशान किया गया।” – ख्वाजा हुसैन, शिकायतकर्ता

पुलिस का पक्ष : कुर्की वारंट के तहत कार्रवाई की गयी

इस पूरे मामले पर थाना प्रभारी टीआई बीएल भाभर ने आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने बताया कि ख्वाजा हुसैन के खिलाफ तीन लाख 25 हजार रुपये का कुर्की वारंट लंबित था. उसी वारंट के तहत पुलिस कार्रवाई करने गयी थी.

टीआई ने कहा, “हमने कोर्ट के आदेश के तहत उसकी दुकान की तलाशी ली थी. जब उसने कोर्ट से समय मांगा और कोर्ट ने उसे राहत दी, तो उसे रिहा कर दिया गया. हमारी कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी थी.”

ग्रामीणों ने कहा अन्याय

हालांकि, स्थानीय ग्रामीण पुलिस की इस दलील से सहमत नहीं हैं. सामाजिक कार्यकर्ता पंकज तिवारी समेत कई ग्रामीणों का कहना है कि ख्वाजा हुसैन के साथ अन्याय हुआ है.

“ख्वाजा हुसैन के साथ क्या गलती हुई है. उन्होंने समाज की भलाई के लिए सट्टेबाजी बंद करने की बात की थी, लेकिन पुलिस ने उनकी बात सुनने की बजाय उन्हें ही आरोपी बना दिया. यह सीधे तौर पर अन्याय है.” -पंकज तिवारी, स्थानीय निवासी

ग्रामीणों का आरोप है कि सट्टा माफिया को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है और शिकायत करने वालों को डराया-धमकाया जा रहा है. लोगों ने मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि असली सट्टेबाजों पर कार्रवाई हो सके. यह भी आरोप है कि पुलिस ने ख्वाजा हुसैन के नंबर की डुप्लीकेट सिम लेकर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को बंद करवा दिया।

सुनिए ख्वाजा हुसैन ने क्या कहा

पंकज तिवारी ने लगाए आरोप

नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट

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