खजुराहो: धीरेंद्र शास्त्री: प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय बागेश्वर महाराज की जन्मस्थली कुटिया पहुंचे. इस दौरान इंद्रेश उपाध्याय जी ने महाराज के साथ महाराज की मां के हाथ की बनी कड़ी-पूड़ी और देशी चूल्हे पर बनी चाय का स्वाद चखा और महाराज जी की उस कहानी से रूबरू हुए, जिसका जिक्र वे अपनी कहानियों में करते हैं.
इंद्रेश उपाध्याय ने बताया कि हम 12×16 आकार के झोपड़ीनुमा मिट्टी के घर से बाहर आये हैं। जब बारिश होती थी तो हम परिवार सहित अपने घर में ही रहते थे और अधिक बारिश होने पर लकड़ी की खाट का सहारा लेते थे। हमारे सभी सदस्य एक तरफ एक ही झोपड़ी में सोते थे और दूसरी तरफ रसोई और भोजन की व्यवस्था की जाती थी। तंगी के दिनों में हम दीवारों से चिपक कर रोते थे. आज यह पहली बार है कि हम अपनी जन्मभूमि में बैठकर सत्यनारायण की कथा सुन रहे हैं.
धीरेंद्र शास्त्री: इंद्रेश उपाध्याय और बद्रीनाथ वाले महाराज ने महाराज जी की मां और चाची द्वारा बनाई गई कड़ी-पूरी का स्वाद लिया और उस झोपड़ी का दौरा किया जिसमें गुरु जी का जन्म हुआ और उनका बचपन बीता। इस दौरान मंत्री लखन पटेल ने महाराज की कथा के प्रारंभ में आशीर्वाद प्राप्त किया.



