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Monday, November 17, 2025
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देश के टॉप स्कूलों में शामिल हैं KVS और NVS, जानें इनकी खासियत और अंतर


हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में शिक्षा दिलाना चाहते हैं। कई बड़े और मशहूर स्कूल भी मौजूद हैं. जहां एडमिशन लेने के लिए अभिभावकों में होड़ लगी रहती है. अगर हम आपसे कहें कि ये स्कूल सरकारी है तो आप क्या करेंगे?

सरकारी स्कूल का नाम सुनकर अक्सर लोग सोचते हैं कि वहां बच्चों को कैसी शिक्षा मिलेगी। लेकिन देश में दो मशहूर सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जो पढ़ाई के मामले में प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ देते हैं। हम बात कर रहे हैं केवीएस और एनवीएस स्कूलों की जिन्हें हम केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के नाम से जानते हैं। देश में ऐसे टॉप स्कूल हैं जहां अपने बच्चों को पढ़ाना हर माता-पिता का सपना होता है।

एनवीएस और केवीएस को क्यों चुना गया?

अधिकतम माता-पिता अपने बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय के स्थान पर नवोदय विद्यालय को चुनते हैं। ये दोनों स्कूल अपनी शिक्षा गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के अलावा अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो उनके बेहतर भविष्य का निर्माण करती हैं। हालाँकि ये दोनों सरकारी स्कूल हैं लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं। आइए आपको इन दोनों के बीच के अंतर के बारे में बताते हैं।

KVS केन्द्रीय विद्यालय क्या है?

केंद्रीय विद्यालय पूरे देश में मौजूद है जो लोगों के बीच काफी मशहूर है। वैसे तो यहां सभी बच्चों को प्रवेश मिलता है, लेकिन सबसे पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को यहां प्रवेश दिया जाता है। शेष सिम कार्ड पर अन्य छात्रों को मौका दिया जाता है।

क्या है खासियत

केंद्रीय विद्यालय की खासियत की बात करें तो यहां पढ़ाई पूरी तरह से सीबीएसई पैटर्न पर होती है। यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर, सांस्कृतिक गतिविधियां, लैब और आधुनिक सुविधाएं इसे बाकी जगहों से बेहतर बनाती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि यहां फीस तय है और कभी बदली नहीं जाती। जब सरकारी कर्मचारियों का स्थानांतरण होता है, तो शहर और राज्य बदलने पर उनके बच्चों को आसानी से दूसरे स्कूलों में प्रवेश मिल जाता है। देशभर में जितने भी केंद्रीय विद्यालय के केंद्र चल रहे हैं, वहां एक ही तरह की शिक्षा दी जाती है, जिससे बच्चों को पाठ्यक्रम बदलने का कोई डर नहीं रहता है।

एनवीएस नवोदय विद्यालय क्या है?

नवोदय विद्यालय की बात करें तो इसे जवाहर नवोदय विद्यालय के नाम से जाना जाता है। यहां बच्चों को निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान की जाती है। छात्रावास आवास उपलब्ध है जहाँ बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान दिया जाता है और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाती है। नवोदय कक्षा 6, 9 और 11 में बच्चों को प्रवेश देता है। इसके लिए एक परीक्षा देनी होती है और परीक्षा में सफल होने वाले बच्चों को प्रवेश मिलता है।

क्या है खासियत

नवोदय विद्यालय में बच्चों को पूरी तरह से सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कराई जाती है। यहां न्यूनतम शुल्क के बाद शिक्षा पूर्णतः निःशुल्क है। बच्चों को आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है। ग्रामीण बच्चों को अक्सर अवसर दिये जाते हैं। हर राज्य में कम से कम एक नवोदय विद्यालय है जो बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करता है।

प्रवेश प्रक्रिया कैसी है?

नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए एक परीक्षा होती है। यहां कक्षा 6, 9 और 11 में प्रवेश मिलता है। वहीं केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश के लिए पहली से 12वीं तक किसी भी कक्षा में आवेदन दिया जा सकता है। इसके लिए पहले टेस्ट होता है और फिर मेरिट, ट्रांसफर और खाली सीटों के आधार पर दाखिला दिया जाता है।

दोनों के बीच क्या अंतर है?

केंद्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय में अंतर की बात करें तो केवीएस में पढ़ने वाले बच्चों को ट्रांसफर की सुविधा मिलती है। एनवीएस में पढ़ने वाले बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के साथ-साथ आवासीय सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। दोनों स्कूलों की शिक्षा और सुविधाएं देश में अव्वल हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए यह एक बेहतरीन सरकारी विकल्प है।

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