पिछले दिनों दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके के आरोपियों, उनके सहयोगियों और साजिशकर्ताओं पर सरकार कड़ी नजर रख रही है और एक-एक कर उन्हें सलाखों के पीछे भेज रही है. सरकार धमाकों को अंजाम देने वाले सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हर शख्स की तह तक जा रही है ताकि उनके सफेदपोश चेहरों के पीछे छिपा काला सच सामने आ सके. इस बीच सरकार ने टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली खबरों पर भी कड़ी नजर रखी है और चैनलों को एडवाइजरी जारी की है.
बम धमाके के बाद टीवी चैनलों पर लगातार प्रसारित हो रही खबरों को देखने के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को कई ऐसे कंटेंट मिले हैं जिनका प्रसारण समाज और देश के हित में नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार ने टीवी चैनलों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि उन्हें किस तरह की खबरों से बचना चाहिए, सरकार ने केबल एक्ट के प्रावधानों की भी याद दिलाई है.
बम धमाके की खबर पर सरकार ने लिया संज्ञान
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की उप सचिव अर्पिता एस के हस्ताक्षर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ समाचार चैनल लाल किला विस्फोटों में शामिल कथित व्यक्तियों से संबंधित सामग्री प्रसारित कर रहे हैं, जिसमें उनके हिंसक कृत्यों को उचित ठहराया जा रहा है, साथ ही विस्फोटक सामग्री बनाने की जानकारी/वीडियो भी प्रसारित किए जा रहे हैं। ऐसे प्रसारण अनजाने में हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं या भड़का सकते हैं, सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित कर सकते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
रिपोर्टिंग के लिए टीवी चैनलों को सलाह
सरकार ने सभी टीवी चैनलों को ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग करते समय उच्चतम स्तर के विवेक और संवेदनशीलता का इस्तेमाल करने की सलाह दी। सरकार ने कहा कि टीवी चैनलों को समाचार प्रसारित करते समय केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
एक्ट के इन प्रावधानों को ध्यान में रखना होगा
मंत्रालय ने कहा कि कोई भी कार्यक्रम जिसमें अश्लील, मानहानिकारक, जानबूझकर गलत, या विचारोत्तेजक आक्षेप और अर्धसत्य शामिल हो, हिंसा को प्रोत्साहित करने या भड़काने की संभावना हो, कानून और व्यवस्था के रखरखाव के खिलाफ कोई सामग्री हो, या राष्ट्र-विरोधी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने वाली कोई सामग्री हो, ऐसी कोई भी सामग्री हो जो राष्ट्र की अखंडता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हो, ऐसे प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमों के प्रावधानों के अधीन हैं, विशेष रूप से नियम 6 (1) (डी), 6 (1) (ई), और 6(1)(ज). उल्लंघन के दायरे में आएं.
सरकार ने विजुअल्स को लेकर ये बात कही
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि कानून का पालन करना हर किसी की जिम्मेदारी है, इसलिए सभी टीवी चैनलों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे दृश्यों का प्रसारण न करें जो अवैध गतिविधियों को सहायता, प्रोत्साहन या प्रचारित कर सकते हैं।



