एक तरफ पूरा देश दिवाली की तैयारियों में डूबा हुआ है तो दूसरी तरफ हर घर में रौनक और उत्साह दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर दमोह जिले के वृद्धाश्रम में कुछ बुजुर्ग ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह त्योहार सालों से यादों तक ही सीमित होकर रह गया है. अपनों से दूर अकेलेपन में जिंदगी गुजार रहे इन लोगों के चेहरे पर जब खुशी की चमक लौटी तो उनकी आंखें नम हो गईं।
कुछ ऐसा ही इमोशनल नजारा वृद्धाश्रम में देखने को मिला. दरअसल, शहर के शाइनिंग स्टार स्कूल के नर्सरी और प्राइमरी स्कूल के दर्जनों छोटे-छोटे बच्चे वहां पहुंचे और बड़ों के साथ दिवाली मनाई.
बच्चों ने मनाई दिवाली
जब दादा-दादी फुलझड़ी लेकर मासूम बच्चों के पास आए और उनसे कहा कि हमारे साथ दिवाली मनाओ। इस दौरान माहौल पूरी तरह से बदला हुआ था. कई बुजुर्गों ने बच्चों को गले लगाया तो किसी की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। बच्चों ने वहां करीब 2 घंटे तक बड़ों के साथ समय बिताया। इसके बाद उन्होंने मिठाइयां बांटी, दीये जलाए, गाने गाए और खूब मस्ती की. उन मासूम बच्चों की हंसी ने वृद्धाश्रम के जीवन में नई जान ला दी।
सभी की आंखें नम हो गईं
स्कूल प्रिंसिपल समीक्षा बजाज ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को संस्कारों से जोड़ने के साथ-साथ उनमें अपने बड़ों के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चे न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि समाज के हर बुजुर्ग का सम्मान करें. त्योहार की खुशियां सबके साथ बांटें. वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों ने भी बच्चों से खूब बातें कीं। किसी ने कहा कि आज कई सालों बाद दिवाली जैसा एहसास हो रहा है. वहीं कुछ बड़े भी बच्चों के साथ डांस करने लगे. ये देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं.
दमोह, दिनेश अग्रवाल