दमोह: मध्य प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इस बार जालसाजों ने दमोह जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर को अपना निशाना बनाया है. ठगों ने कलेक्टर की फोटो (डीपी) का इस्तेमाल कर फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया है और इसके जरिए जिले के लोगों से पैसे की मांग कर रहे हैं. मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
यह मामला तब सामने आया जब कई लोगों ने खुद कलेक्टर सुधीर कोचर से संपर्क किया और उन्हें इन संदेशों के बारे में जानकारी दी. लोगों के मुताबिक, उन्हें व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से एक संदेश मिला, जिसमें प्रोफाइल पिक्चर के रूप में कलेक्टर की तस्वीर थी। शुरुआती बातचीत के बाद जालसाज कलेक्टर के नाम पर पैसे की मांग करना शुरू कर देता था।
विदेशी नंबर से हो रहा था फर्जीवाड़ा!
शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस नंबर से यह धोखाधड़ी की जा रही है वह वियतनाम का है। कई लोगों ने जब इसकी जानकारी कलेक्टर को दी तो वह भी हैरान रह गये. मामले की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. अब पुलिस की साइबर सेल टीम इस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस साजिश के पीछे कौन है.
पहले तो लोग कलेक्टर का मैसेज देखकर खुश हो जाते थे, लेकिन जब उनसे पैसे मांगे गए तो उन्हें शक हुआ। इसी शक के आधार पर लोगों ने सीधे कलेक्टर से संपर्क करना शुरू कर दिया, जिससे इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया.
कलेक्टर ने लोगों से की अपील
इस घटना के बाद कलेक्टर सुधीर कोचर ने आधिकारिक बयान जारी किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सोशल मीडिया पर किसी भी व्यक्तिगत खाते का उपयोग नहीं करते हैं और न ही किसी अन्य नंबर से व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
“मेरा कोई व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है और न ही मैं व्हाट्सएप के लिए किसी अन्य नंबर का उपयोग करता हूं। लोगों से अपील है कि वे ऐसे किसी भी फर्जी नंबर से आने वाले संदेशों का जवाब न दें और किसी भी प्रकार का वित्तीय लेनदेन न करें।” -सुधीर कोचर, कलेक्टर, दमोह
पुलिस ने आम जनता से भी आग्रह किया है कि अगर उन्हें किसी अधिकारी या प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम से ऐसे संदेश मिलते हैं तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें और किसी भी तरह के झांसे में न आएं.
दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट



