डबरा: मध्य प्रदेश की प्रमुख कृषि उपज मंडियों में से एक डबरा में किसानों के शोषण का एक और मामला सामने आया है. यहां अपनी धान की फसल बेचने आए एक विकलांग किसान पर एक व्यापारी ने कथित तौर पर हमला किया और धमकी दी। किसान का आरोप है कि उसने फसल पर की जा रही अवैध मल्हार कटौती का विरोध किया था, जिसके बाद व्यापारी ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया.
यह घटना डबरा मंडी में लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को उजागर करती है, जहां किसानों को कच्ची पर्चियों और अवैध कटौती के कारण वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसल की आवक शुरू होते ही ऐसी घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे अन्नदाता हताश और निराश हो जाते हैं।
क्या है पूरा मामला?
बांसगढ़ निवासी दिव्यांग किसान रामनिवास जाटव और पहाड़ सिंह जाटव अपनी धान की फसल से लदी दो ट्रॉली लेकर मंडी पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि घंटों लाइन में लगने के बाद उन्होंने व्यवसायी गोलू सेठ के यहां कांटा नंबर 9 पर अपनी उपज डाली. व्यापारी के कर्मचारी ने फसल की कीमत 2900 रुपये और कच्ची पर्ची पर 2750 रुपये तय की।
किसान के मुताबिक जब फसल तौल के लिए कांटे पर पहुंची तो व्यापारी ने मल्हार के नाम पर अतिरिक्त कटौती करने की कोशिश की. जब रामनिवास ने विरोध किया तो व्यापारी गोलू सेठ ने कथित तौर पर उसके साथ मारपीट की, धमकी दी और फसल तौलने से भी इनकार कर दिया.
मंडी सचिव ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
इस घटना के बाद पीड़ित किसान ने मंडी कार्यालय पहुंचकर सचिव से पूरे मामले की लिखित शिकायत की और कार्रवाई की मांग की. मंडी सचिव ने मामले का संज्ञान लेते हुए शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मंडी सचिव ने कहा, “यह मामला हमारे संज्ञान में आया है. किसान की फसल पर कोई मुल्हार नहीं लगाया जाएगा और जो कीमत पहले तय की गई थी, उसी पर तौल होगी. संबंधित व्यापारी को नोटिस जारी किया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.”
हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद सवाल यह है कि बाजार में कारोबारियों की मनमानी पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है. किसानों का आरोप है कि मंडी प्रशासन और अधिकारियों की उदासीनता के कारण व्यापारी बेखौफ होकर ऐसी गतिविधियों को अंजाम देते हैं, जिससे मंडी व्यवस्था सुधरने की बजाय बिगड़ती जा रही है.
किसान का दंश
किसान पहाड़ सिंह जाटव की बाइट
मंडी कर्मी की बाइट
बाज़ार प्रांगण का दृश्य
सचिव कक्ष का दृश्य
अरुण रजक, डबरा



