16.2 C
Aligarh
Monday, November 17, 2025
16.2 C
Aligarh

छीपीखापा सागौन कटाई: सीसीएफ अशोक कुमार के निरीक्षण न करने पर उठे गंभीर सवाल, सेवानिवृत्त अधिकारी ने पीसीसीएफ को लिखा पत्र


नर्मदापुरम: जिले के छिपीखापा आरएफ-112 में बड़े पैमाने पर सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. सेवानिवृत्त उप वन संरक्षक मधुकर चतुर्वेदी ने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका पर आपत्ति जताते हुए सीधे प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) और वन बल प्रमुख को पत्र लिखा है.

चतुर्वेदी ने अपने पत्र में मुख्य रूप से सीसीएफ (मुख्य वन संरक्षक) नर्मदापुरम अशोक कुमार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि करोड़ों रुपये की लकड़ी कटने के बाद भी सीसीएफ ने खुद मौके पर जाकर आरएफ-112 का निरीक्षण करना क्यों जरूरी नहीं समझा.

सीसीएफ की भूमिका पर सीधा सवाल

मधुकर चतुर्वेदी की ओर से भेजे गए पत्र में साफ लिखा है कि अवैध कटाई की जानकारी सीसीएफ अशोक कुमार को पहले से थी. पत्र के मुताबिक सीसीएफ ने ही 18 फरवरी 2025 और 5 मई 2025 को डीएफओ नर्मदापुरम (सामान्य) मयंक गुर्जर को पत्र भेजकर अवैध कटाई की जानकारी दी थी।

“सीसीएफ नर्मदापुरम अशोक कुमार आज तक स्वयं आरएफ-112 का निरीक्षण करने क्यों नहीं पहुंचे?” -मधुकर चतुर्वेदी, सेवानिवृत्त उप वन संरक्षक

चतुर्वेदी का आरोप है कि यदि सीसीएफ एक बार भी मौके पर जाते तो यह अवैध कटाई रोकी जा सकती थी। लेकिन कथित तौर पर केवल मौखिक जानकारी पर भरोसा करने और सुरक्षा के लिए तत्काल ठोस कदम नहीं उठाने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.

डीएफओ की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है

पत्र में डीएफओ मयंक गुर्जर की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. इसमें कहा गया कि सीसीएफ के पत्रों के बावजूद आरएफ-112 की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लापरवाही बरती गई। आरोप है कि डीएफओ ने 5 अक्टूबर 2024 को अपनी दौरा रिपोर्ट में कटाई का कोई जिक्र नहीं किया और न ही वरिष्ठ अधिकारियों को जमीनी हकीकत से अवगत कराया, जो कर्तव्य में लापरवाही दर्शाता है.

चतुर्वेदी ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि इस पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने लिखा कि छोटे कर्मचारियों पर जिम्मेदारी डालकर उन पर आर्थिक मुआवजा पाने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे उनके परिवारों में असुरक्षा और भय का माहौल है.

छीपीखापा आरएफ-112 में कटे हुए पेड़ों के ठूंठों, जब्त की गई लकड़ियों और तस्वीरों की मौजूदगी से यह स्पष्ट है कि कटाई बड़े पैमाने पर और लंबे समय से हो रही थी। अब यह मामला सिर्फ लकड़ी चोरी का नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही का हो गया है, जिसका केंद्रीय सवाल यह है कि जब आला अधिकारियों को महीनों पहले जानकारी थी, तो उन्होंने समय पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
App