भोपाल: MP News मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसी घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के दौरान दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। आरोपी तो पकड़ लिया गया, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि सबसे साफ शहर का ये काला सच क्या कहता है? राजनीतिक दलों में घमासान मचा हुआ है.
एमपी न्यूज 23 अक्टूबर को आईसीसी महिला विश्व कप की तैयारी कर रही ऑस्ट्रेलियाई टीम की दो खिलाड़ी इंदौर के खजराना रोड इलाके में रेडिसन होटल से कैफे की ओर जा रही थीं. तभी एक बाइक सवार ने उनका पीछा किया और उनमें से एक को गलत तरीके से छुआ। खिलाड़ियों ने तुरंत टीम सुरक्षा को सतर्क कर दिया। स्थानीय निवासी ने बाइक का नंबर नोट कर लिया और पुलिस को सूचना दी. एमआईजी थाने में एफआईआर दर्ज की गई और अगले ही दिन आरोपी अकील खान को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने की पुष्टि – ‘हमारे खिलाड़ी सुरक्षित हैं, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’ बीसीसीआई ने कहा, ‘भारत आतिथ्य सत्कार का देश है, पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है.’ लेकिन इंदौर – जो स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार नंबर एक है – अब महिला सुरक्षा पर सवालों के घेरे में है।’
छेड़छाड़ की इस घटना से राजनीतिक हंगामा मच गया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- कड़ी सजा सुनिश्चित करेंगे. माना जा रहा है कि कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है, लेकिन विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. कांग्रेस नेता कमल नाथ ने ट्वीट कर पूछा- ‘स्वच्छ शहर की आड़ में असली सफाई कब होगी?’ महिला आयोग की सदस्यों ने भी बयान दिया- ‘यह एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में विदेशी महिलाओं पर हमला है, पूरी व्यवस्था पर सवाल है.’ बीजेपी ने जहां इसे व्यक्तिगत अपराध बताया, वहीं कांग्रेस ने राज्यव्यापी सुरक्षा की कमी का मुद्दा उठाया.’
एक तरफ वर्ल्ड कप का मैच चल रहा है, दूसरी तरफ ये शर्मनाक घटना. उठ रहे हैं सवाल- क्या अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल की कमी है? इंदौर की ‘स्वच्छ’ छवि हुई दागदार! स्थानीय महिलाएं कह रही हैं- रोजमर्रा की जिंदगी में भी डर लगता है. ICC ने सुरक्षा कड़ी कर दी है, लेकिन क्या यह पर्याप्त है? यह शर्मनाक घटना न केवल खेल जगत बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। क्या हमारी ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा अब ख़तरे में है? सबसे बड़ा सवाल है. राजनीतिक बयानबाजी से परे कब होगी सख्त कार्रवाई?



