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Saturday, October 25, 2025
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चेकमेट बड़ी बहस: ई-अटेंडेंस पर आपत्ति.. क्यों नाराज हैं शिक्षक? मध्य प्रदेश में एक बार फिर गरमाई सियासत, क्या ऐप का पाकिस्तान से है कोई कनेक्शन?


जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर के शासकीय महाराजपुर स्कूल की शिक्षिका ज्योति पांडे ने ई-अटेंडेंस नहीं लगाने पर जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है. उच्च अधिकारी को लिखे पत्र में उन्होंने ई-अटेंडेंस नहीं लगाने के एक नहीं बल्कि कई कारण गिनाये हैं. सबसे पहले जवाब में कहा गया है कि शिक्षिका को सरकारी नहीं बल्कि अपने निजी मोबाइल फोन से ई-अटेंडेंस लगानी होगी, जिससे उनकी निजी फोटो, वीडियो और डेटा लीक होने की संभावना है और यह उनकी निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. कारण बताओ नोटिस के जवाब में शिक्षिका ने सरकार से गारंटी मांगी है कि उनके खिलाफ कोई साइबर अपराध या धोखाधड़ी नहीं की जाएगी और तब तक ई-अटेंडेंस नहीं करने को कहा है. शिक्षक के इस कदम के समर्थन में जहां शिक्षक संघ उतर आए हैं, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी सफाई देते नजर आए.

इधर, राज्य के 27 शिक्षकों ने भी ई-अटेंडेंस को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिकाओं में कहा गया है कि ‘हमारे शिक्षक ऐप’ में एक नहीं बल्कि कई तकनीकी खामियां हैं, जिसके कारण कई समस्याएं पैदा हो रही हैं. हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं पर याचिकाकर्ता शिक्षकों और राज्य सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग से हलफनामे पर जवाब भी मांगा है. उधर, ई-अटेंडेंस पर मचे बवाल पर सियासत भी गरमा गई है. जहां बीजेपी कह रही है कि स्कूलों में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ई-अटेंडेंस जरूरी है, वहीं कांग्रेस ई-अटेंडेंस का विरोध कर रहे शिक्षकों के साथ खड़ी हो गई है.

कुल मिलाकर ई-अटेंडेंस के खिलाफ शिक्षक लामबंद हैं और इसके खिलाफ उनके अपने-अपने तर्क हैं. सरकार और विपक्ष का अपना-अपना राग है. इन सबके अलावा सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शिक्षकों को पारदर्शी व्यवस्था पसंद नहीं है? क्या e-Atendance APP का पाकिस्तान से है कनेक्शन? क्या इससे वाकई शिक्षकों की गोपनीयता को खतरा है? और सवाल ये है कि क्या विरोध सिर्फ विरोध के लिए किया जा रहा है या वाकई इसमें तकनीकी खामियां हैं?

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