वन विभाग की कार्रवाई के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुलकर सामने आ गये हैं. बुधवार को उन्होंने सीहोर जिले के भेरुंदा में आदिवासी महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए अगर मेरी जान भी चली जाए तो मुझे परवाह नहीं है.
वन विभाग ने धनतेरस के दिन आदिवासियों को दिया नोटिस
धनतेरस के दिन वन विभाग ने सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा क्षेत्र के भेरुंदा में वर्षों से खेती कर रहे आदिवासियों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया। वन विभाग के मुताबिक आदिवासियों ने वन विभाग की जमीन पर अनाधिकृत कब्जा कर रखा है और कई बार चेतावनी के बाद भी इसे खाली नहीं कर रहे हैं. नोटिस जारी होते ही हड़कंप मच गया और मामला केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंच गया.
बुधवार को भेरूंदा में आदिवासी महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होने के लिए शिवराज सिंह चौहान पहुंचे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के समय आदिवासियों पर अत्याचार होता था और हमने इसका विरोध कर कांग्रेस को ही उखाड़ फेंका. अब केंद्र में नरेंद्र मोदी जी की सरकार है और मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार है. किसी भी सूरत में किसी के खिलाफ अत्याचार व अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
अगर मेरी जान भी चली जाए तो मुझे कोई परवाह नहीं.
शिवराज ने कहा कि लोग कहते हैं कि शिवराज आदिवासियों को भड़का रहे हैं और उन पर केस दर्ज होना चाहिए, केस क्या है, जान भी चली जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा. शिवराज ने कहा कि इस जगह पर आदिवासियों का वर्षों से कब्जा है और इसलिए जो लोग कहते हैं कि शिवराज सिंह चौहान वोट के लिए लोगों को यहां ला रहे हैं और बसा रहे हैं, वे मानसिक रूप से परेशान हैं.
शिवराज ने लोगों को आश्वासन दिया कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री से बात की है और किसी भी हालत में किसी भी आदिवासी को जमीन से विस्थापित नहीं होने दिया जाएगा।
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