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Wednesday, November 12, 2025
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ग्राम पंचायत से 18 साल का रिकॉर्ड गायब! उपसरपंच ने कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत की


नीमच जिले की जावद जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत मोड़ी के उपसरपंच ने अपनी पंचायत पर वर्ष 1995 से 2012 तक के सभी सार्वजनिक रिकार्ड गायब होने का गंभीर आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने जिला मुख्यालय पर कलेक्टर की जनसुनवाई में एक विस्तृत शिकायत प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने भूमि स्वामित्व, पट्टा पुस्तिका, प्रस्ताव रजिस्टर, उपस्थिति रजिस्टर, लेआउट मानचित्र, पंचायत स्वामित्व दुकान, आवंटन प्रसंस्करण दस्तावेज, प्रस्ताव सहित आवश्यक सरकारी रिकॉर्ड गायब होने की जानकारी दी है। शिकायत में उपसरपंच ने संबंधित सचिव और सरपंच के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है.

ग्राम पंचायत मोड़ी के उपसरपंच कारूलाल राठौड़ ने अपने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि वे इस मामले की शिकायत 2020 से कर रहे हैं, जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है. उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत मोड़ी में 1995 से 2012 तक की अवधि के समस्त रिकार्ड/सार्वजनिक रिकार्ड/रिकॉर्ड गायब हैं, जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई थी। उन्होंने कहा कि सरकारी दस्तावेजों को गायब करना या उनमें छेड़छाड़ करना कानूनी अपराध है, जिसमें जिले के अधिकारी भी शामिल हैं.

18 साल का रिकॉर्ड गायब, प्रशासन मौन!

उपसरपंच ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट का हर साल ऑडिट किया जाता है. जिसमें अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों की जांच की जाती है. 18 साल पुराने रिकार्ड गायब होने के बावजूद अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसी राजस्व अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। जो आज तक नहीं हुआ.

सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई है

शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने इन अभिलेखों के गायब होने की शिकायत पूर्व सीएम हेल्पलाइन (शिकायत रैंक 33519422) पर भी दर्ज कराई थी, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उपसरपंच ने शिकायत पत्र में कहा कि रिकार्ड गायब होने से कई प्रकार की कानूनी व अवैध बाधाएं उत्पन्न हो रही है.

2020 में जानकारी मांगी तो जवाब मिला रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है

उपसरपंच राठौड़ ने आरोप लगाया कि वर्ष 2020 से लापता होने की जानकारी जिला प्रशासन को दर्ज कराई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. सभी दस्तावेज गायब होने के कारण वर्ष 2020 में भी जब सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सर्वसम्मत भूखंड के आवेदन पर भू-अभिलेख कार्यालय से प्रमाणित जानकारी मांगी गयी, तो वही जवाब मिला कि अभिलेख उपलब्ध नहीं है.

दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग

उपसरपंच कारूलाल राठौड़ ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई दर्ज कर रिकॉर्ड बरामद करने का प्रयास किया जाए.
इसे संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ दोबारा दर्ज किया जाना चाहिए। अब देखना यह है कि जिलाधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं.

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