17.9 C
Aligarh
Monday, November 17, 2025
17.9 C
Aligarh

क्या सिर्फ तेज रफ्तार ही युवाओं की जान लेती है? पुलिस पर संलिप्तता के आरोप, जांच करने में क्या हर्ज?


ग्वालियर जिले में कल रविवार सुबह सड़क हादसे में पांच दोस्तों की जान चली गई, हादसा सिरोल थाना क्षेत्र के सिकरौदा हाईवे पर हुआ, सभी दोस्त फॉर्च्यूनर कार से पार्टी से लौट रहे थे, सुबह करीब 6 बजे थे, कार तेज रफ्तार में थी और पीछे से रेत से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली में जा घुसी, सभी दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई, शवों को बमुश्किल कार से बाहर निकाला जा सका, शुरुआती जांच में हादसे के लिए तेज रफ्तार को जिम्मेदार बताया गया कार 130 किलोमीटर प्रति घंटा थी.

इस हादसे के बाद पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिए, पुलिस ने प्रारंभिक जांच के लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद ली और जौरासी में 1.3 किलोमीटर दूर स्थित घटना स्थल की दूरी से कार की टाइमिंग का मिलान कर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार का पता लगाया और उसे दोषी करार दिया, लेकिन उन लोगों की बात सुनने की कोशिश नहीं की जो चिल्ला-चिल्ला कर अन्य सवाल कर रहे हैं और शोर मचा रहे हैं, ये वो सवाल हैं जो आज पूरा शहर पूछ रहा है. है।

दरअसल, रेत से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली से इस तरह का हादसा होना ग्वालियर के लिए कोई नई बात नहीं है, ग्वालियर चंबल के रेत माफिया का दबदबा पूरे देश ने कई साल पहले मुरैना में देखा था जब एक आईपीएस अधिकारी को रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली ने कुचल दिया था, उसके बाद ऐसे कई मामले आए जब अधिकारी को या तो अपनी जान गंवानी पड़ी या दुर्घटना में घायल होना पड़ा, कल की पुरानी दुर्घटना की खबरों के बीच यहां दुर्घटनाओं का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इनमें एक बात आम है, वह है ओवरलोड ट्रैक्टर रेत से भरी ट्रॉली, जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है या यूं कहें कि कोई नियंत्रण नहीं लगाना चाहता.

रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को कोई रोकता क्यों नहीं?

रविवार को रेत से भरी इस ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराकर पांच दोस्तों 20 साल के अभिमन्यु उर्फ ​​चुनमुन तोमर, 23 साल के शिवम, 24 साल के कौशल उर्फ ​​केडी भदौरिया, 24 साल के राम उर्फ ​​आदित्य सिंह तोमर और 25 साल के क्षितिज उर्फ ​​प्रिंस की जान चली गई। अब सवाल यह है कि नियम विरुद्ध और खुलेआम कानून का उल्लंघन कर चलने वाली ये गाड़ियां बीच सड़क पर कैसे दौड़ती हैं? उन्हें कोई रोकता क्यों नहीं? क्या ये पुलिस विभाग, खनिज विभाग या किसी वरिष्ठ प्रशासनिक या पुलिस अधिकारी को नजर नहीं आते? वे उन सबकी नजरों से कैसे छुपे रहते हैं?

रिश्वतखोरी के कारण सड़कों पर दौड़ती गाड़ियाँ

इसका जवाब खुद बालू के ओवरलोडेड ट्रैक्टर ट्रॉली के ड्राइवर ही दे रहे हैं, अवैध बालू का कारोबार करने वाले लोग कैसे अपना धंधा चलाते हैं, किस प्वाइंट पर उन्हें एंट्री के नाम पर पुलिस को रिश्वत देनी पड़ती है, इसकी पूरी व्यवस्था है, इस कारोबार से जुड़े लोगों ने खुलेआम बाइट में जो कहा है, उससे पता चलता है कि उन्हें भी किसी का डर नहीं है, क्योंकि वे पैसे देकर कारोबार कर रहे हैं, तो उन्हें कौन रोकेगा, लेकिन उनकी बातें जरूर सोचने पर मजबूर कर देती हैं. रिश्वत की आड़ में कैसे सड़कों पर चलती-फिरती मौत दौड़ती है, कब किसे अपनी चपेट में ले ले, कुछ कहा नहीं जा सकता।

प्रशासन की संयुक्त टीम ने ओवरलोड वाहनों को पकड़ा

हमेशा की तरह इस बार भी रविवार को हादसे के बाद जिला प्रशासन, पुलिस, खनिज विभाग और अन्य विभागों की संयुक्त टीम निरीक्षण पर निकली और 20 से अधिक ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पकड़कर थाने में रखवाया। खास बात यह है कि इसमें वे वाहन भी शामिल हैं जो रॉयल्टी चुकाकर रेत परिवहन कर रहे थे, लेकिन मामला गर्म होने के कारण ये भी पकड़े गए, अब पुलिस अधिकारी उन वाहनों को पकड़ने के पीछे अपना तर्क दे रहे हैं जो रॉयल्टी चुकाकर रेत परिवहन कर रहे थे।

हालाँकि, पाँच युवकों की जान चली गई और इसके लिए वाहन की ओवर स्पीड को जिम्मेदार ठहराया गया और ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉली की गलती को क्लीन चिट दे दी गई, कारण स्पष्ट है कि अवैध रूप से और रिश्वत के दम पर सड़क पर दौड़ने वाले इन बेखौफ वाहनों को पुलिस, खनिज विभाग, परिवहन विभाग और अन्य संबंधित विभागों का संरक्षण प्राप्त है, इसलिए इन पर कार्रवाई करने की हिम्मत कौन कर सकता है।

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
App