मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में करोड़ों रुपये खर्च कर बीआरटीएस बनाया गया था. अब ढाई करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर इसे तोड़ा जा रहा है। आज देवउठान एकादशी के शुभ मुहूर्त में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बीआरटीएस को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन कांग्रेस ने बीआरटीएस को तोड़ने पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस कहां है कि इसके निर्माण के समय भी इसका विरोध किया गया था लेकिन सरकार ने इसे बनाया। कांग्रेस ने इसके निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसमें शामिल नेताओं और अधिकारियों से वसूली की मांग की है
इंदौर के लोगों को त्वरित सार्वजनिक परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की योजना से बनाया गया बीआरटीएस कॉरिडोर अब शहर से मिट जाएगा, इसे तोड़ने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है, नगर निगम को एक एजेंसी मिल गई है जो यह काम करेगी और इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद महापौर की मौजूदगी में बीआरटीएस को तोड़ने की शुरुआत हो गई है।
महापौर ने बताया कि इस बीआरटीएस की योजना 115 किलोमीटर के ट्रैक पर बनाई गई थी, जिसमें से केवल एक ट्रैक बनाया गया था, लेकिन एक साथ बढ़ते शहर और कुछ तकनीकी कमियों के कारण जनता को बीआरटीएस का लाभ नहीं मिला, इसलिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा और उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार इसे तोड़ा जा रहा है।
मेयर ने पूजा-अर्चना कर कार्य की शुरुआत की.
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जेसीबी की पूजा कर कार्य की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से इंदौर में यातायात व्यवस्था सुचारू होगी। बीआरटीएस हटाने के साथ-साथ सड़क चौड़ीकरण और डिवाइडर निर्माण का काम भी समानांतर रूप से किया जाएगा। जहां जरूरत होगी वहां अस्थायी डिवाइडर भी लगाए जाएंगे ताकि यातायात प्रभावित न हो।
मेयर के निर्देश
उन्होंने कहा कि अधिकृत एजेंसी को स्टेशन हटाने, जाली हटाने और निर्माण सामग्री को व्यवस्थित ढंग से हटाने का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. सुरक्षा और यातायात में कोई बाधा न हो, इसके लिए नगर निगम और यातायात विभाग के समन्वय से कार्य किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने 9 माह पहले हटाने के आदेश दिए थे
गौरतलब है कि करीब नौ माह पहले हाईकोर्ट ने बीआरटीएस हटाने के आदेश जारी किए थे। अब उसी के अनुपालन में यह कार्रवाई शुरू की गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि इस कदम से शहरवासियों को राहत मिलेगी और इंदौर की सड़कों पर यातायात और अधिक सुगम और सुरक्षित हो जाएगा.
बीआरटीएस निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप
जब बीआरटीएस को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई तो केंद्रीय कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए थे. कांग्रेस के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने कहा कि बीआरटीएस निर्माण के समय उन्होंने इसका विरोध किया था और इसे अनावश्यक बताया था लेकिन तत्कालीन शिवराज सरकार ने बीआरटीएस प्रोजेक्ट नहीं रोका. कांग्रेस नेता ने इसमें भारी भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का आरोप लगाया.
नेताओं और अधिकारियों से पैसे की रिकवरी की मांग
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोहन यादव ने जो काम किया वह तो शिवराज सिंह चौहान भी कर सकते थे लेकिन नहीं किया क्योंकि भ्रष्टाचार का सारा पैसा हजम करना था. उन्होंने कहा कि अब यह पैसा उन नेताओं और अधिकारियों से वसूला जाना चाहिए जिन्होंने इंदौर शहर को बर्बाद करने में मदद की, लोगों को परेशान किया और उनकी मेहनत की कमाई को बीआरटीएस बनाने में बर्बाद किया।
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट



