मध्य प्रदेश के नीमच में ऑनलाइन गेमिंग और अन्य अवैध गतिविधियों से जुड़े करोड़ों रुपये के लेनदेन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह पूरा नेटवर्क बिहार के पटना से संचालित हो रहा था, जबकि स्थानीय स्तर पर इसे नीमच निवासी शादाब नाम का युवक संचालित कर रहा था. शादाब ने लोन दिलाने के नाम पर आईडीबीआई बैंक की शाखा में खाते खुलवाकर लोगों को ठगा, लेकिन उन खातों का इस्तेमाल करोड़ों रुपये के अवैध लेनदेन के लिए किया गया।
शिकायतकर्ता आसिफ पिता मोहम्मद असगर निवासी नीमच ने पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में बताया कि शादाब पिता मोहम्मद हुसैन अब्बासी निवासी महावीर नगर नीमच ने जून माह से आईडीबीआई बैंक में करीब 15 से 20 लोगों के खाते खुलवाए थे। खाते खोलने में बैंक कर्मचारी मोहित जैन की भी भूमिका बताई जा रही है, जिसने घर बैठे ही ऑनलाइन खाते एक्टिवेट कर दिए थे।
खातों में 10 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ
पासबुक, एटीएम कार्ड और चेकबुक समेत सभी दस्तावेज शादाब के पास ही रहे। कुछ माह बाद जब किसी को लोन नहीं मिला तो लोगों ने बैंक में जाकर जानकारी ली। वहां चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि उनके खातों से करीब 10 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है. इसके बाद बैंक प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी खातों को फ्रीज कर दिया.
एक गिरोह पटना से रैकेट संचालित कर रहा था.
शुरुआती जांच में पता चला है कि यह पूरा नेटवर्क बिहार के पटना से संचालित होने वाले एक गिरोह के इशारे पर चल रहा था. शादाब इन खातों में पैसे आने-जाने की जानकारी व्हाट्सएप चैटिंग के जरिए पटना के मास्टरमाइंड को भेजता था। बताया जा रहा है कि यह पैसा ऑनलाइन सट्टेबाजी, गेमिंग और अन्य अवैध कारोबारों से जुड़ा था, जिसे कानूनी लेनदेन में बदला जा रहा था।
पुलिस ने जांच शुरू की, बैंक से जानकारी मांगी
कैंट थाना प्रभारी वीरेंद्र झा ने कहा, “खाता खोलने और लेनदेन करने की शिकायत मिली है। मामला गंभीर है, जांच शुरू कर दी गई है। आईडीबीआई बैंक से विस्तृत जानकारी मांगी गई है। प्रारंभिक जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
पूरी कड़ियां सामने आने के बाद नाम उजागर किए जाएंगे
इस मामले ने नीमच में बैंकिंग सिस्टम और ऑनलाइन वित्तीय सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि करोड़ों रुपये का यह गेम किन लोगों से जुड़ा है.
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट



