शाजापुर, 21 अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के अभियान के तहत दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों की मदद से पकड़े गए 45 काले हिरणों को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ दिया गया। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने बताया कि रविवार और सोमवार की दरमियानी रात को जिले के इमलीखेड़ा गांव में नीलगाय और काले हिरण को पकड़ने का अभियान चलाया गया.
शाजापुर के जिलाधिकारी रिजु बाफना ने कहा, “दक्षिण अफ्रीका और वन विभाग की एक टीम ने इमलीखेड़ा से पकड़े गए काले हिरणों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ दिया।”
उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर की मदद से 45 काले हिरणों को पकड़ा गया.
नीलगाय और काले हिरण को पकड़ने का यह अभियान केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अनुमति और राज्य सरकार की सहमति से चलाया जा रहा है.
इस अभियान का उद्देश्य जिले में जंगली जानवरों द्वारा फसलों को होने वाले नुकसान की लंबित समस्या का समाधान करना है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह पहली बार है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम और उनकी तकनीक की मदद से काले हिरणों को पकड़कर जंगलों में छोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि जिले में काले हिरण को पकड़ने के लिए छह तथा नीलगाय को पकड़ने के लिए चार स्थानों का चयन किया गया है.
अधिकारियों के मुताबिक काले हिरण पकड़ने के क्षेत्र में कालापीपल के शुजालपुर, इमलीखेड़ा, उमरसिंघी, अरनियाकलां और डूंगल क्षेत्र के गावड़ी और नया समाजखेड़ा गांव शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसी तरह शाजापुर के लाहौरी बलदा और गोपीपुर, शुजालपुर के मदाना और सुसनेर के निपान्या करजू गांव में नीलगाय पकड़ने का अभियान चलाया गया.
अधिकारियों के मुताबिक, इस अभियान के तहत 100 नीलगाय और 400 काले हिरणों को पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य और राज्य के अन्य वन अभ्यारण्यों में छोड़ा जाएगा.
भाषा सं डिमो जीतेन्द्र
जितेंद्र